राज्य सरकार ने महामारी के इस कठिन समय में किसान सलाहकारों के मानदेय और सुविधाओं में वृद्धि कर दी है. अब उनको हर महीने एक हजार रुपये अधिक यानी 13 हजार रुपये मिलेंगे. बढ़े हुए वेतनमान का लाभ अप्रैल से दिया गया है. सेवाकाल में मौत होने पर आश्रितों को चार लाख रुपये का मुआवजा (मृत्यु पर अनुग्रह अनुदान) मिलेगा.

2017 में किया गया 12 हजार रुपये मासिक मानदेय

किसान सलाहकारों के वेतन में अंतिम बार वृद्धि 2017 में हुई थी. आठ हजार से बढ़ा कर 12 हजार रुपये मासिक मानदेय किया गया था. ग्राम पंचायत स्तर पर किसान केंद्र चलाने के लिए कृषि विभाग ने राज्य योजना के अंतर्गत किसान सलाहकार की नियुक्ति की थी. इनका प्रमुख काम कृषि विभाग की योजनाओं के प्रचार- प्रसार, सत्यापन, मिट्टी की जांच- परीक्षण करवाना, खेती के लिए किसानों को बैंक से लोन उपलब्ध कराना आदि है.

वर्तमान में 6327 किसान सलाहकार नियुक्त

8463 पंचायतों में एक- एक सलाहकार नियुक्ति होनी थी, लेकिन वर्तमान में 6327 किसान सलाहकार नियुक्त हैं. वृद्धि के साथ मानदेय के भुगतान आदि के लिए सरकार ने एक अरब दस लाख उनचालीस हजार रुपये की मंजूरी दे दी है. किसान सलाहकारों की यदि सेवाकाल के दौरान मौत होती है, तो अनुग्रह अनुदान के भुगतान की पूरी प्रक्रिया जिला स्तर पर ही संपन्न होगी. किसान सलाहकारों के भुगतान की निकासी एवं व्ययन, भुगतान प्रक्रिया की जांच से लेकर भुगतान तक की जिम्मेदारी संबंधित जिला कृषि पदाधिकारी को दी गयी है.

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कब कितना मानदेय बढ़ा

वर्ष -मानदेय (रु़)

2010- ढाई हजार

2012-पांच हजार

2014 -छह हजार

2015 -आठ हजार

2017 -12 हजार

2021- 13 हजार