देवघर : पूरा देश आज स्वतंत्रता दिवस के जश्न में डूबा हुआ है. हर तरफ देशभक्ति की गीतें गूंज रही है. देशभक्ति के इसी माहौल में हम आपको देवनगरी देवघर की एक ऐसी बच्ची से मिलवाते हैं, जो लता मंगेशकर के गाए हुए गीत ‘ए मेरे वतन के लोगों…’ को संस्कृत में गुनगुना रही है. आयुषी नाम की बच्ची सभी गीतों को संस्कृत में गुनगुना सकती है. आज के जमाने में संस्कृत के प्रति उसका प्रेम देखते ही बनता है.
देवघर की आयुषी कई गानों का कर चुकी है संस्कृत में अनुवाद.
देवघर की रहने वाली 14 वर्षीय आयुषी आन्या ने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों…’ के 8 मिनट के गीत को संस्कृत में अनुवाद किया है
संस्कृत नहीं जानने वाले लोग भी देवघर की आयुषी के स्वर से गीत का अंदाजा लगा सकते हैं. आज भी इस गीत से देशभक्ति की जज्बा रखने वाले लोगों के मन में अगाध प्रेम जगा देती है.
देवघर की रहने वाली 14 वर्षीय आयुषी आन्या ने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों…’ के 8 मिनट के गीत को संस्कृत में अनुवाद किया है और उसे कंठस्थ भी कर लिया है. डीएएवी स्कूल देवघर की 9वीं की छात्रा आयुषी संस्कृत में एक मुकाम हासिल करना चाहती है. यही वजह है कि वह सभी गानों को संस्कृत में गाती है.
आयुषी संस्कृत के रास्ते ही चलकर लता मंगेश्वर और नेहा कक्कड़ को अपना आदर्श मानते हुए सिंगर बनना चाहती है. आयुषी के माता-पिता भी उसके सपनों के साथ हैं. उनके अनुसार, आयुषी का संस्कृत के प्रति प्रेम बचपन से ही रहा है.
संस्कृत को भले ही सभी भाषाओं की जननी कहा जाता है, लेकिन हकीकत यह है कि आज के दौर में संस्कृत मंत्र उच्चारण के अलावा कम ही प्रयोग में आता है. ऐसे में देशभक्ति के माहौल में संस्कृत का उच्चारण सचमुच मंत्रमुग्ध करने वाला है.