भागलपुर: भागलपुर के नाथनगर में शनिवार को भारतीय नववर्ष की पूर्व संध्या पर निकले जुलूस के बाद दो पक्षों में हुई हिंसक झड़प में 60 लोग घायल हो गए थे, इस मामले में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के पुत्र अर्जित शाश्वत पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।

अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत चौबे समेत कई अन्य लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। इन सबपर लोगों की भावनाएं भड़काने का आरोप है। बता दें कि दो दिन पहले अर्जित ने अपने समर्थकों के साथ नाथनगर से मोटरसाइकिल जुलूस निकाला था।

जैसे ही यह मोटरसाइकिल जुलूस एक खास अल्‍पसंख्‍यक जाति के मोहल्‍ले से होकर गुजरा तो जुलूस में शामिल लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाए। इसके बाद खास अल्‍पसंख्‍यक समुदाय ने भी प्रतिक्रिया दी। इसके बाद शुरू हुए तनाव के बाद दर्जनों दुकानें जला दी गईं। मोटरसाइकिल फूंकी गई।

उपद्रवियों ने 15 राउंड फायरिंग की और चार बम भी फोड़़े। तनाव को देखते हुए क्षेत्र में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। कई घंटे तक पथराव, बमबाजी, फायरिंग और तोडफ़ोड़ हुई। चार जिलों की पुलिस बुलाई गई, तब स्थिति नियंत्रण में आई।

Whatsapp group Join

अश्विनी चौबे ने कहा-गर्व है कि अर्जित मेरा बेटा है

जब मंत्री अश्विनी चौबे से पूछा गया कि आपके पुत्र अर्जित चौबे शोभायात्रा को लीड कर रहे थे। इसके बाद यह घटना हुई तो मंत्री ने कहा कि मेरा पुत्र तो हजारों-लाखों में एक है। मुझे गर्व है कि अर्जित मेरा पुत्र है।

उन्होंने कहा कि पार्टी का एक वरिष्ठ सहयोगी कार्यकर्ता होने के नाते उसने भारतीय नव वर्ष पर भारत माता की झांकी व शोभायात्रा निकाली। जहां तक बात है कि प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई तो शोभायात्रा हर थाना क्षेत्र से होकर गुजरती रही। उस समय पुलिस-प्रशासन कहां थी? प्रशासन की अनुमति का पत्र इनलोगों के पास है।

नववर्ष की पूर्व संध्या पर निकला था जुलूस

भारतीय नववर्ष की पूर्व संध्या पर नववर्ष आयोजन समिति द्वारा बाइक जुलूस निकाला गया था। जुलूस आगे चला गया। उसके बाद चंपानगर के लोगों ने सड़क पर पथराव आरंभ कर दिया। ऑटोरिक्शा रोककर तोडफ़ोड़ करने लगे। इसके बाद बाबू टोला के लोग भी सामने आ गए। दोनों पक्षों में घमासान शुरू हो गया। रोड़ेबाजी तीन घंटे से भी अधिक समय तक चली।

पुलिस वाले जान बचाकर भागे, पांच दर्जन घायल

चंपानगर चौक पर दोपहर तीन बजे से दोनों ओर से जमकर रोड़ेबाजी, गोलीबारी और बमबाजी हुई। पांच दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। ईंट-पत्थर लगने से डीएसपी और इंस्पेक्टर जख्मी हो गए। नाथनगर इंस्पेक्टर ने मंदिर में छुपकर जान बचाई। एक पक्ष की ओर से 15 राउंड गोलियां चलाई गई। गोली लगने से जिला पुलिस बल का एक सिपाही और एक स्थानीय व्यक्ति घायल हुए।

उपद्रवियों ने चार बम भी फेंके, जिसकी चपेट में आने से दो व्यक्ति जख्मी हो गए। लोगों ने मोटरसाइकिल में आग लगा दी। दुकानों और वाहनों में जमकर तोडफ़ोड़ की। उपद्रवियों को बेकाबू होते देख थाने के जवान भाग खड़े हुए। रुक-रुक कर रोड़ेबाजी होने के कारण डीएम, डीडीसी और एसएसपी को भी पीछे हटना पड़ा।

इंटरनेट सेवा बंद की गई, बड़ी संख्या में फोर्स तैनात

अफवाह पर विराम लगाने के लिए तत्काल नेट सेवा बंद करने का आदेश दिया गया। इसके बाद चार जिलों की पुलिस, क्विक रिएक्शन टीम (क्यूटीआर), पुलिस लाइन और सीटीएस से प्रशिक्षु जवानों के अलावा अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाना पड़ा। जिसके बाद स्थिति सामान्य हुई। डीएम आदेश तितरमारे और एसएसपी मनोज कुमार खुद पुलिस बल के साथ कैम्प कर रहे थे। आइजी और डीआइजी भी मौके पर मौजूद थे। अतिरिक्त बल के आने पर स्थिति सामान्य हुई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। स्थिति सामान्य होने के बाद भी तनाव की स्थिति बनी हुई है।

दूसरे इलाके में भी हंगामा

मामला शांत होने के बाद कुछ युवक अचानक समूह में आए और थाना के बगल वाली गली में रहने वाले दूसरे पक्ष पर पथराव करने लगे, जिसके बाद थाने के सामने ही उपद्रव आरंभ हो गया। एक मोबाइल दुकान में आग लगा दी गई। बैग की दुकान को लूट लिया गया। बीस मिनट के बाद पुलिस जगी और उपद्रवियों को खदेड़ा। इसके बाद ये लोग पुलिस पर पथराव करने लगे। यहां भी पुलिस को भागना पड़ा।