यह रिपोर्ट अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस से जुड़ी है. कमला हैरिस प्रतिभा संपन्न महिला हैं जिन्होंने अमेरिका के इतिहास में नया रिकॉर्ड बनाया और उप-राष्ट्रपति जैसे महान पद पर काबिज हुईं. कमला हैरिस को कामकाज या सार्वजनिक प्रोग्राम में देखें तो एक बात हमेशा कॉमन दिखती है. वे अपने साथ एक ईयरफोन लेकर चलती हैं. आप सोचेंगे कि पूरी दुनिया में टेक्नोलॉजी का बादशाह देश अमेरिका और वहां की उप-राष्ट्रपति इस जमाने में भी तार वाला ईयरफोन लेकर क्यों चलती हैं. आजकल एक से एक ब्लूटूथ वाले ईयरपॉड (bluetooth headphones) बाजार में मौजूद हैं जिनका इस्तेमाल बहुत ही सुविधाजनक है. यहां तक कि कान में लगा लें तो दूसरे को पता भी न चले. फिर उप-राष्ट्रपति हैरिस उसका इस्तेमाल क्यों नहीं करतीं?

इसके बारे में डिटेल में रिपोर्ट दी है विदेशी खबरों का भारतीय चैनल WION ने. वियोन की एक रिपोर्ट बताती है कि कमला हैरिस सिक्योरिटी और टेक्नोलॉजी को लेकर बहुत गंभीर हैं. ब्लूटूथ हेडफोन को कमला हैरिस थोड़ा संदिग्ध निगाह से देखती हैं और वे तार वाले हेडफोन्स को तरजीह देती हैं. वे इस तथ्य पर भरोसा करती हैं कि तार वाले हेडफोन सुरक्षित हैं जबकि ब्लूटूथ हेडफोन से हैकर्स को मौका मिल सकता है और वे साइबर धोखाधड़ी को अंजाम दे सकते हैं.

जांच में क्या पता चला

पहले की कई अलग-अलग जांच में इस बात का पता चला है कि ब्लूटूथ कनेक्शन (bluetooth headphones) के साथ हेराफेरी (नेटवर्क से छेड़छाड़ या धोखाधड़ी) आसानी से की जा सकती है. ब्लूटूथ कनेक्शन को हैक किया जा सकता है जिससे कि साइबर अपराधी मोबाइल जैसी डिवाइस को अपने काबू में ले सकते हैं. यहां तक कि हैकर आपके मोबाइल या लैपटॉप से ब्लूटूथ लगा है तो उसमें मैलवेयर या स्पाईवेयर डालकर जासूसी कर सकते हैं. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर ने ब्लूटूथ का इस्तेमाल कर कुछ मोबाइल फोन में सुरक्षा को खतरे को परखा है. अपने प्रयोग में उन्होंने आसानी से सुरक्षा के प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया. इससे पता चलता है कि साइबर अपराधी भी ऐसा करने में सफल हो सकते हैं.

सुरक्षा का खतरा

हैकर ब्लूटूथ के माध्यम से फोन के नेटवर्क को अपने कब्जे में ले सकते हैं. स्पाईवेयर या मैलवेयर की मदद से बैंक या सुरक्षा से जुड़ी जानकारी चुरा सकते हैं, यहां तक कि बिजनेस के बारे में भी सूचना पा सकते हैं. यही वजह है कि कमला हैरिस ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी (bluetooth headphones) को लेकर हमेशा फिक्रमंद रहती हैं और उससे ज्यादा भरोसा उन्हें तार वाले ब्लूटूथ पर होता है. राजनीतिक और सुरक्षा से जुड़े खतरों के देखते हुए हमेशा अपने ब्लूटूथ कनेक्शन को बंद रखती हैं. कहा जाता है कि जो लोग एक ही फोन में पर्सनल और बिजनेस डाटा रखते हैं, उन्हें और ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होती है.

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ब्लूटूथ का घाटा

दरअसल, ब्लूटूथ कनेक्शन में डिवाइस को जोड़ने के लिए किसी तार की जरूरत नहीं पड़ती. यह पूरी तरह से बेतार या वायरलेस होता है. फाइल का ट्रांसफर हो या इंटरनेट की सुविधा, बिना तार ब्लूटूथ के जरिये ली जा सकती है. बड़ी दिक्कत यह होती है कि ब्लूटूथ का कनेक्शन (bluetooth headphones) सुरक्षित नहीं माना जाता क्योंकि आपकी डिवाइस कई और डिवाइस के संपर्क में आ जाती है. हैकर इसका फायदा उठा सकते हैं और आपकी जानकारी आसानी से चुरा सकते हैं. इसीलिए जब काम न हो तो ब्लूटूथ को बंद रखने की सलाह दी जाती है.