नारायणपुर : प्रखंड के उच्च माध्यमिक विद्यालय नारायणपुर की स्थिति बदहाल है। विद्यालय में लगभग बारह सौ नामांकित छात्र-छात्रएं है। लेकिन विद्यालय के पुराने नौ कमरे एवं बारहवीं कक्षा के लिए बने मकान की छत का परत गिर रहा है। इस कारण कई बच्चे जोखिम हो चुके हैं। जर्जर भवन के कारण विद्यालय में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। जर्जर छत कभी भी गिर सकती है। कई बार तो विद्यार्थी और शिक्षक इसके शिकार होते-होते बचे हैं। दस सालों से स्कूल की स्थिति दयनीय बनी हुई है।

विद्यालय में शिक्षक एवं प्रधानाचार्य के बीच अक्सर झड़प होती रहती है। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के चलते इसका असर पठन-पाठन पर पड़ता है। विद्यालय में दशमीं कक्षा में कुल 539 छात्र हैं। नवमी एवं बारहवीं कक्षा के लिए नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। विद्यालय में कुल 23 शिक्षक हैं फिर भी माध्यमिक में हिंदी, गणित, सामाजिक, कम्प्यूटर एवं बारहवीं के लिए गणित, जीव विज्ञान, इतिहास, अर्थशास्त्र, संस्कृत, समाजिक विज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी एवं उर्दू विषयों में शिक्षक की कमी है।

विद्यालय में छात्रों के लिए कंप्यूटर दिया गया है। लेकिन शिक्षक के अभाव में 12 कंप्यूटर धूल फांक रही है। प्रधानाचार्य कक्ष एवं शिक्षक प्रकोष्ठ को छोड़कर किसी भी कक्षा में पंखे नहीं हैं। शुद्ध पेयजल तो दूर विद्यालय में खराब चापाकल की मरम्मत तक नहीं कराई गई है। छात्र विद्यालय से बाहर जाकर पानी पीने को मजबूर हैं। विद्यालय में एक भी लिपिक नहीं हैं। शिक्षक आवास नही हैं। साथ ही रात्रि प्रहरी भी नही हैं। केवल एक आदेश पाल है। जर्जर छत के बारे में कई बार प्राचार्य ने विभाग को लिखित सूचना दी है लेकिन सुधि लेने वाला कोई नहीं है।

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