नवगछिया : गंगा एवं कोसी नदियों के कटाव पर अंकुश लगाने के लिए इस वर्ष भी जल संसाधन विभाग 94 करोड़ खर्च करने के लिए कमर कस चुका है. इस बार गंगा तटीय क्षेत्रों के लिए 50 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं तो कौशिक तटीय क्षेत्रों के लिए 44 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं. जानकारी मिली है कि इस माह के अंत तक ठेके की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और फरवरी के दूसरे सप्ताह तक कटाव निरोधी कार्य को धरातल पर उतार दिया जाएगा.

– स्वीकृत कर लिया गया जल संसाधन विभाग का प्रस्ताव

– गंगा नदी – 50 करोड़
– कोसी नदी – 44 करोड़

,, इस माह तक पूरी होगी ठेके की प्रक्रिया

अगर सचमुच ऐसा हुआ तो निश्चित रूप से लोगों को कटाव से मुक्ति मिल जाएगी क्योंकि कटाव निरोधी कार्य विफल होने का सबसे बड़ा कारण कारी लेट लतीफ शुरू करना है. लेट लतीफ कार्य शुरू करने से नदी के जलस्तर में काफी फिरती हो जाती है और कटाव निरोधी कार्य पूरी तरह से विफल हो जाता है विगत 20 वर्षों से ऐसा ही हो रहा है.

कटाव के नाम पर नवगछिया में अब तक अरबों रुपए गंगा कोसी नदी में बहा दिए गए हैं. जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि जल संसाधन विभाग द्वारा भेजा गया प्रस्ताव स्वीकृत हो गया है. कार्य समय से पहले पूरा कर लिया जाए और इसकी गुणवत्ता शत-प्रतिशत हो इस बात का ध्यान रखने के लिए विभाग मुस्तैद है. जलसंसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि गंगा नदी के कटाव को रोकने के लिए इस्माईलपुर से बिंद टोली के बीच 50 करोड़ की लागत से कार्य होगा.

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कटाव निरोधी कार्य को लेकर इस्माईलपुर बिंद टोली के बीच अलग अलग अस्थानो पर कार्य होना है. कोसी नदी में कटाव को लेकर 44 करोड़ की लागत से चार स्थानों पर कार्य किया जाएगा. जलसंसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि 44 करोड़ में रंगरा प्रखड के मदरौनी में हो रहे कोसी नदी के कटाव, बगजन बांध, नगरपारा में कटाव निरोधी कार्य किया जाएगा.