भागलपुर : टीएमबीयू ने चार छात्रों के फर्जी गोपनीय पत्र पकड़े गये हैं. मामला प्रकाश में आने के बाद विवि प्रशासन के होश उड़ गये हैं. पकड़ाये गोपनीय पत्र की जांच विवि में की जा रही है. डीएसडब्ल्यू ने कहा कि उन कागजात की छानबीन की जा रही है. गोपनीय पत्र कहां से आये, छात्रों को कैसे मिले, उन छात्रों की खाेजबीन की जा रही है. परीक्षा विभाग के लोगों पर भी नजर रखी जा रही है. उन्होंने आशंका जतायी है कि बाहरी रैकेट विवि के इस खेल में शामिल हो सकते हैं. फिलहाल जांच की जा रही है. रिपोर्ट आने के बाद मामला पुलिस के हवाले किया जायेगा.

क्या है मामला

एसबीएन कॉलेज गढ़ीरामपुर के पार्ट थ्री के छात्र अविनाश कुमार(फिजिक्स ऑनर्स) व राहुल कुमार (बॉटनी ऑनर्स) के गोपनीय पत्र कॉलेज में जमा किया था. इसमें छात्र को फर्स्ट डिवीजन से पास दिखाया गया था. जब गोपनीय पत्र को टीआर से रोल नंबर के आधार पर मिलान किया गया, तो छात्र फेल था. फर्जी गोपनीय पत्र में छात्र को अच्छे अंक से पास दिखाया गया था. मामला प्रकाश में आने के बाद कॉलेज को संदेह हुआ. कॉलेज प्रशासन ने गोपनीय पत्र की सत्यता जांचने के लिए विवि को भेजा. विवि में टीआर से मिलान किया गया, तो छात्र का नाम ही नहीं मिला. गोपनीय पत्र फर्जी मिला.

गोपनीय पत्र का नंबर टीएनबी कॉलेज को जारी किया गया है. डीएसडब्ल्यू डॉ योगेंद्र ने बताया कि ऐसे ही मामले को लेकर दो गोपनीय पेपर महादेव सिंह कॉलेज से भी विवि में जांच के लिए जमा किया गया था. यह दोनों बेली खातून (एकाउंट्स) व सुमन सौरभ के नाम से है. विवि में टीआर से मिलान करने के बाद पाया गया कि गोपनीय पत्र फर्जी है. इसमें बेली खातून पार्ट टू की छात्रा है. शेष अन्य पार्ट थ्री के छात्र हैं. उन्होंने बताया कि गोपनीय पत्र बंद लिफाफा में विवि या कॉलेज के कर्मचारी लेकर जाते हैं, लेकिन दोनों कॉलेज में छात्रों के द्वारा गोपनीय पत्र जमा किये गये थे. वह भी बिना लिफाफा के ही. गोपनीय पत्र का प्रारूप विवि के फॉरमेट से मैच कर रहा था. उन्होंने बताया कि पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गयी है. दोनों कॉलेज के लोगों से उन छात्रों को विवि में उपस्थित करने के लिए कहा गया है. इस फर्जीवाड़ा में जो लोग पाये जायेंगे, उन पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

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क्या है गोपनीय पत्र : किसी छात्र का रिजल्ट समय से नहीं आया. वह छात्र बाहर नामांकन लेने जा रहा है. ऐसी स्थिति में कॉपी जांच में मिले अंक को विषयवार अंकित किया जाता है. फिर इसे सील बंद लिफाफा संबंधित कॉलेज व विवि को पोस्ट या कर्मचारियों के द्वारा भेजा जाता है. इसके अलावा पेंडिंग रिजल्ट सुधार के बाद भी गोपनीय पत्र कॉलेजों को भेजा जाता है