
खरीक : भागलपुर जिले के खरीक प्रखंड के मिरजाफरी और उस्मानपुर सीमा पर स्थित जिले का एकलौता सूर्य मंदिर के प्रांगण मे हर साल के भाॅति इस साल भी भव्य मेले का आयोजन किया जा रहा हैं. मेले कमिटी अध्यक्ष श्री महेन्द्र प्रसाद यादव ने बताया मेले में श्राद्धालुओं के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाती हैं. हर साल के भाॅति इस साल भी दिनांक 06 -11 – 2016 को रामधुन व क्वीज प्रतियोगिता 07-11-2016 को दिन में दंगल (अखाड़ा ) रात्रि आर्केस्ट्रा 08-11-2016 को दिन में दंगल (अखाड़ा) रात्रि आर्केस्ट्रा 09-11-2016 को दिन में कुश्ती के दंगल को आयोजन रखा गया हैं. दंगल में राष्ट्रीय स्तर के पहलवान भाग ले रहे हैं. उत्तर प्रदेश के बनारस से सुरेन्द्र पहलवान, अयोध्या से मनोहर पहलवान, झारखंड से हारूण पहलवान, हरियाणा समेत बिहार के विभिन्न जिले से पहलवान भाग लेगे.
क्वीज प्रतियोगिता में कई भारी संख्या में युवा छात्र भाग लेंगे. इस मंदिर का इतिहास सौ साल से अधिक पुराना हैं. इसी कलबलिया धार से गंगा प्रवाहित होता था. खरीक प्रखंड के दूर दराज से लगभग सभी लोग इस तट पर आकर अर्घ दिया करते थे. आज भी यहाॅ उस्मानपुर के तीन किलोमीटर के आसपास अपने छठ डाला लेकर आते हैं. पहले यहाॅ भी मंदिर छोटी सी हुआ करते थे. इसके बाद उस्मानपुर के महेश्वर प्रसाद यादव एवं मिरजाफरी के अम्बिका प्रसाद साह के नेतृत्व में समाज के सहयोग से मंदिर को बनाया गया. इसके बाद लगातार महेन्द्र प्रसाद यादव के नेतृत्व में सफल आयोजन करते आ रहे हैं. इस मंदिर का महिमा अपने आप में महिमा आपार हैं. कई कथित कहानी भी हैं. पूजा के दौरान माता छठी के लिए कोई भी व्यक्ति व्यवधान नही करते हैं. व्यवधान करने वाले को पापी को शक्ति को दिखाया हैं. इस दरवार में सच्चे मन मन्नत माॅगने पर मनोकामना अवश्य पुर्ण होते है. समाजिक समरसता का भी एक मिशाल हैं. इस मेले को सफल बनाने में पड़ोसी मुसलमान परिवारों का भरपूर सहयोग रहता हैं. उन्हे भी अपने पंचायत और क्षेत्र यैसे भव्य मेले के आयोजन पर गर्व होता है और बढ़चढ़ इस मेले में भागीदारी लेते हैं.
मिरजाफरी में कई मुस्लिम परिवार आकर सच्चे मुराद से छठ पूजा के व्रत में सहयोग करते हैं. और पहली और दूसरी अर्घ में क्षेत्र के लगभग मुस्लिम परिवार सूर्य अर्घ समर्पित का साक्षी होते हैं. यह परंपरा मिरजाफरी और उस्मानपुर के बीच जिले का एक मिशाल के रूप में है. मुखिया आबिद, तौफिक आलम, नजाकत अंसारी, चाॅद राजा, महेन्द्र प्रसाद यादव (अध्यक्ष) राजेन्द्र मंडल, पप्पु यादव सिकंदर यादव, केशो मंडल, कैलाश दास रामबरण यादव, महेश्वर यादव कृष्ण कुमार गुप्ता आदि सभी ग्रामवासी सहयोग रहते हैं. वही 2015 से राजाराम साह के नेतृत्व में मनीष कुमार मंडल ,नीरज कुमार व अन्य सभी युवा के सहयोग से इस तरह के आयोजन किये जा रहे हैं.