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आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरू पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है और इसी के संदर्भ में यह समय अधिक प्रभावी भी लगता है. इस वर्ष गुरू पूर्णिमा 19 जुलाई 2016, को मनाई जाएगी. गुरू पूर्णिमा अर्थात गुरू के ज्ञान एवं उनके स्नेह का स्वरुप है. हिंदु परंपरा में गुरू को ईश्वर से भी आगे का स्थान प्राप्त है तभी तो कहा गया है कि हरि रूठे गुरु ठौर है, गुरु रूठे नहीं ठौर. इस दिन के शुभ अवसर पर गुरु पूजा का विधान है. गुरु के सानिध्य में पहुंचकर साधक को ज्ञान, शांति, भक्ति और योग शक्ति प्राप्त होती है. गुरु पूर्णिमा को लेकर शिष्यों के द्वारा तैयारी शुरू हो गई साईं भक्त मोहन ने बताया कि उस दिन विगत वर्षो की तरह साईं भक्तो के द्वारा साईं पालकी यात्रा (नगर भ्रमण) और भंडारा का आयोजन किया गया है