भारतीय रेलवे ने आरक्षण टिकट लेने के लिए भरी जाने वाली पर्ची में मांगी गई जानकारी में बड़ा बदलाव किया है। यात्रियों को नई आरक्षण पर्ची में अब अपना आधार नंबर टिकट लेने के पहले ही लिखना होगा। इसके लिए पर्ची में अलग से एक कालम की व्यवस्था की गई है। पहली बार गरीब रथ अथवा दूरंतो एक्सप्रेस की स्लीपर श्रेणी में यात्रा करने के लिए आरक्षण टिकट लेते समय ही पर्ची पर उन्हें कॉलम में भरना होगा कि वे बेड रॉल लेना चाहते हैं या नहीं।

नई पर्ची में पुरानी पर्ची की तरह ही चिकित्सकों को बाक्स में टिक करना होगा ताकि आकस्मिक स्थिति में उनकी मदद ली जा सके। नई आरक्षण पर्ची में गर्भवती महिलाओं के लिए अलग से कॉलम दिए गए हैं। उस कालम में टिक करने के बाद ही उन्हें शायिका आरक्षण में सुविधा दी जाएगी। इतना ही नहीं शायिका आरक्षण में सुविधा लेने की स्थिति में उन्हें पंजीकृत चिकित्सक का प्रमाण पत्र भी लगाना होगा।

वरिष्ठ नागरिकों को रियायत की सुविधा चाहिए या नहीं, यह स्पष्ट करना होगा। रियायत 50 फीसद अथवा 100 फीसद परित्याग करना चाहते हैं, इसका भी विवरण देना होगा। अगर आप अपने टिकट का अपग्रेडेशन चाहते हैं तो इसके लिए आपको कॉलम में टिक करना होगा। अन्यथा किराये का भुगतान करने वाले यात्रियों को स्वत: अपग्रेड कर दिया जाएगा।

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जिस ट्रेन में यात्री आरक्षण टिकट लेना चाहते हैं और बर्थ उपलब्ध नहीं होने पर वे दूसरे ट्रेन में आरक्षित टिकट चाहते हैं तो उन्हें इसके लिए कॉलम में विकल्प को टिक करना होगा। छोटे बच्चों के लिए अगर कोई यात्री पूरी बर्थ लेना चाहता है तो कालम में टिक करना होगा। इसके लिए पूरे किराये का भुगतान भी करना होगा।

एसएमएस के जरिये पीएनआर की अद्यतन स्थिति की जानकारी के लिए यात्रियों को अपना मोबाइल नंबर भी आरक्षण पर्ची पर दर्ज करना होगा। राजधानी, शताब्दी व दूरंतो एक्सप्रेस में भोजन लेने के लिए ‘हां’ या ‘ना’ कॉलम भरना होगा। इसके लिए अलग से कॉलम बनाया गया है। नए नियम में काउंटर क्लर्क को भी अधिक काम दिया गया है। अब उन्हें हर पर्ची पर उस यात्री का पीएनआर व बर्थ नंबर भरना होगा। यात्री से कितनी राशि ली गई है इसका भी जिक्र करना होगा।