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बिहार में फर्जीवाडे़ को तो जैंसे अंबार ही लग गया है। पहले बिहार बोर्ड में घोटाला हुआ तो उसके बाद बिहार SSC में पेपर लीक कर दिए गए। उसके बाद एम्स से एक फर्जी डॉक्टर पकड़ाया था। अब ऐंसा ही एक मामला पीएमसीएच से सामने आ रहा है।   यहां पीएमसीएच इमरजेंसी में मरीजों की सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। इमरजेंसी के ऊपर बने बर्न वार्ड में सोमवार को एक नकली डॉक्टर तीन घंटे तक घूमता रहा। वह आला लटकाए और एप्रन पहने हुए था। उसने ऐसा हुलिया बना रखा थी कि पहली बार में किसी को शक नहीं हुआ।  काफी देर तक वह मरीजों और उनके परिजनों से बात करता रहा। इसी बीच वह पैसे भी मांगता। इस पर कुछ मरीजों के परिजनों को शक हुआ तो उन्होंने इमरजेंसी में तैनात जवानों को बताया। इसके बाद छानबीन हुई तो हकीकत सामने आई। जवानों ने नकली डॉक्टर को धर दबोचा। 22 साल का मो. आसिफ डॉक्टर नहीं बल्कि सड़क छाप ठग निकला। वह सब्जीबाग का रहने वाला है। आसिफ गले में आला लटकाए हुए था। उसके हाथ में गल्ब्स, सूई, ब्लड निकालने वाला वायल और र्सींरज था। पीरबहोर पुलिस ने नकली डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है।    दरअसल, बर्न वार्ड में आसिफ कुछ मरीज के परिजनों से पैसे मांग रहा था। यहीं पर बमबारी में घायल हुए छात्रों का इलाज पुलिस कस्टडी में चल रहा है। जब नकली डॉक्टर को पैसों के लेन-देन की बात करते सुना तो इनके परिजनों को शक हुआ। तत्काल उन्होंने पीएमसीएच के सुरक्षा इंचार्ज सब इंस्पेक्टर धनंजय सिंह को इसकी खबर दी। दारोगा ने मौके पर पहुंचकर जब छानबीन की तो सच्चाई सामने आ गयी।    सब इंस्पेक्टर सह पीएमसीएच सुरक्षा प्रभारी धनंजय सिंह ने मामले में कहा कि बर्न वार्ड से नकली डॉक्टर को पकड़ा गया है। उस पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। नकली डॉक्टर मरीजों को ठगने की कोशिश कर रहा था। वह पहले भी अस्पताल में आ चुका है।