मां, बाप और भाई की हत्या के बाद पांच आरोपियों ने किशोरी से किया था गैंगरेप। इसके बाद हथियारों से वार कर मरा हुआ जान छोड़ गए थे। कोर्ट में पीड़िता ने सुनाई आपबीती।

बिहपुर थाने के झंडापुर इलाके में महादलित परिवार के तीन सदस्यों की सामूहिक हत्या की प्रत्यक्षदर्शी लड़की की सोमवार को एससी/एसटी विशेष न्यायालय में गवाही हुई। लड़की ने पांच आरोपियों पर दुष्कर्म के बाद कुल्हाड़ी से हमलाकर घायल कर देने का आरोप लगाया है। जज ने लड़की का बयान चैंबर में दर्ज किया। बुधवार को पुन: लड़की की गवाही होगी।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुषमा त्रिवेदी के समक्ष लड़की ने अपने बयान में कहा है कि घटना की रात आरोपी लोगों ने घर के बाहर ताड़ी पीकर मछली खाया था। देर रात आरोपी दुष्कर्म की नीयत से घर में घुस रहे थे। बाहर सो रहे पिता के साथ मारपीट कर रहे थे। मां जग गई और चिल्लाने लगी तो बदमाशों ने दोनों की कुल्हाड़ी और छूरा मारकर हत्या कर दी। 12 साल के भाई छोटू की भी छूरा मारकर हत्या कर दी। उसके बाद आरोपियों ने भय दिखाकर सामूहिक दुष्कर्म किया। लड़की ने इसके पहले 161 के बयान में भी दुष्कर्म की बात कही थी।

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बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने इस दौरान लड़की से कई सवाल पूछे। आरोपी महबूबा के संबंध में कई सवाल पूछे गए। लड़की ने यह भी कहा कि घटना के एक दिन पहले वह चापानल पर स्नान कर रही थी। आरोपी कुछ दूरी पर गांजा पी रहे थे और गलत नीयत से ताकाझांकी कर रहे थे। इस बात को लेकर मां-पिता से झगड़ा हुआ था और जान से मारने की धमकी दी थी। कोर्ट में बचाव पक्ष की ओर से सत्यनारायण पांडे, पन्ना सिंह, अंजनी कुमार और सरकार की ओर से एससीएसटी मामले के विशेष लोक अभियोजक रमेश प्रसाद चौधरी ने भाग लिया।

क्या हुआ था घटना की रात

झंडापुर ओपी के एक गांव में 25 नवंबर, 017 की रात लड़की के मां-पिता और भाई की हत्या कर दी गई थी। घटना में लड़की भी गंभीर रूप से घायल हो गई थी। दो सप्ताह बाद लड़की को पीएमसीएच, पटना में इलाज के बाद होश आया था। लड़की ने पुलिस को घटना की पूरी जानकारी दी थी। उसके बाद आरोपी गिरफ्तार किया था। इस मामले में जूच आरोपी फरार है। सोमवार को पीड़ित लड़की को सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया था और बयान के बाद वापस बिहपुर ले जाया गया।