बिहार के कटिहार जिले के सरकारी विद्यालयों में नामांकित एक लाख बच्चों का कोई पता नहीं चल पाया है। इन्हें खोजने में विभाग का पसीना बह रहा है। विभागीय निर्देश के आधार पर सभी बच्चों का आधार पंजीयन कराना है, लेकिन अंतिम तिथि तक बड़ी संख्या में इन बच्चों का पंजीकरण नहीं हो पाया है।

इसे लेकर मुख्यालय स्तर से लगातार मिल रही चेतावनी के बाद नोडल पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर आधार पंजीयन कराने की कोशिश की गई, लेकिन शत-प्रतिशत पंजीयन नहीं हो पाया है। इतनी तादाद में बच्चों का आधार पंजीयन नहीं होना फर्जी नामांकन की आशंका को बढ़ावा दे रहा है।

जारी अर्धवार्षिक मूल्यांकन में भी महज 3,78,351 बच्चे शामिल हो रहे हैं। विभागीय स्तर पर शेष बचे बच्चों के आधार पंजीयन को लेकर सक्रियता बरतने को कहा जा रहा है। चालू वर्ष में बिना आधार पंजीयन व बैंक खाता की आधार सीङ्क्षडग के बच्चों को योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।

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आधार पंजीयन और सीडिंग की अंतिम तिथि 30 सितंबर तक निर्धारित थी। महज 39.38 फीसद बच्चों के बैंक खाते खोले गए हैं और 33.31 फीसद बच्चों का आधार सीङ्क्षडग हो पाया है। बच्चों के नामांकन और आधार पंजीयन में बड़ा अंतर है। पूर्व में बच्चों की फर्जी उपस्थिति बताकर मध्याह्न भोजन सहित अन्य योजनाओं में गड़बड़ी की आशंका व्यक्त की जा रही है।

बताते चलें कि वार्षिक परीक्षा के दौरान भी नामांकित बच्चों की संख्या और परीक्षा में शामिल हुए बच्चों में काफी अंतर आ रहा था। नई व्यवस्था के तहत बिना आधार बच्चों के नामांकन रद करने की बात कही गई है। इसके लिए नामांकित बच्चों के परिजन को तीन बार लिखित नोटिस देना था।

अभिभावक के संज्ञान के बाद उन्हें तीन माह का समय देकर आधार पंजीयन कराने को निर्देशित किया जाएगा। संज्ञान नहीं लेने पर ऐसे बच्चों के नामांकन पर विचार किया जाएगा। बच्चों का नामांकन वैध और अवैध होने एवं नामांकन रद करने का निर्णय विद्यालय शिक्षा समिति के पास होगा।

स्कूली बच्चों के आधार की सीङ्क्षडग का काम विद्यालयों में चल रहा है। इसकी अंतिम तिथि के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि कितने बच्चों की आधार सीडिंग बाकी है। विभिन्न कारणों से करीब 85 हजार बच्चों के आधार की सीङ्क्षडग नहीं हो पाई है। इसके लिए तिथि निर्धारित कर निर्देश जारी किया गया है। अंतिम तिथि के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट होगी।
– दिनेश चंद्र देव
जिला शिक्षा पदाधिकारी, कटिहार