बिहपुर : खानका – ए आलिया फरिदिया मोहबबतिया के सज्जादाऩशी हजरत अली कौनैन खॉ फरीदी एवं नायब सज्जादानशी हजरत मौलाना अली शबबर खाँ फरीदी ने कहा कि मोहर्रम का महिना इस्लामी कलैंडर का पहला महिना है इसी महीने के दस तारिख को यजीदियो ने इमामे हुसैन को शहीद कर दिया था इस बार अँगरेजी महिना के 1 अक्टूबर को मोहर्रम पुरी दुनिया में मनाया जा रहा है

मोहर्रम एक यादगार घटना से जुडा हुआ है पैगंमबर मोहम्मद मुस्तफा सललाहो वसलम के नवासे ( नाती ) हजरते इमामे हुसैन अपने 72 साथियो के साथ शहीदे करबला में शहीद होकर इस्लाम की अजमत को बचा लिया!

आज भी पुरी दुनिया के मुसलमान के लिए यह दिन यादगार के रूप में है मोहर्रम के मौके पर लोगौ को कुरान खानी ताजिया, निशान जुलूस, फतिहा कर इमामे हुसैन की शहादत को याद कर उनकी कुर्बानीयो को प्रेरणा के रूप मे लेकर किस तरह इमामे हुसैन ने अपने पुरे खानदान को कुरबान कर दिया! मुसलमानों को उससे प्रेरण लेनी चाहिए !