स्त्री पुरुष के जीवन को संपूर्ण बनाने के लिए विवाह संस्कार बहुत ही जरुरी होता है।हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार जब परिवार निर्माण की जिम्मेदारी उठाने के योग्य और शारीरिक, मानसिक परिपक्वता आ जाने पर युवक-युवतियों का विवाह संस्कार कराया जाता है।

हिन्दू धर्म के अनुसार 16 संस्कार होते हैं उन्ही में से एक विवाह संस्कार भी होता है जिसे गृहस्थाश्रम भी कहते हैं।गृहस्थाश्रम हमारे आने वाली पीढ़ी को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। विवाह संस्कार में दो आत्माओं का पवित्र बंधन है विवाह दो शब्दों से मिलकर बना है- वि + वाह। जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- “विशेष रूप से (उत्तरदायित्व का) वहन करना”। ‘

आपको बता दे कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है जिसमें दिखाया गया है कि हर किसी महिला के चार पति होते हैं। यह बात सुनकर आपको यकीन नहीं होगा लेकिन यह बात बिल्कुल सत्य है।

इस बात को जानकर आपके दिमाग में काफी सवाल आ रहें होंगे कि हम दोनों की तो पहली ही शादी हुई है ,लेकिन मैं अपनी पत्नी का चौथा पति कैसे हुआ। तो आइये जानते है नीचे दिए गये वीडियो में इसका जवाब…

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आपको जानकर हैरानी होगी कि जब आपकी शादी होती है तो दूल्हा,दुल्हन को मंडप पर बिठाया जाता है। जिसमें पंडित मत्रों का उच्चारण करके शादी की विधि को संपन्न किया जाता है, लेकिन आपने कभी पंडित के मंत्रों को कभी ध्यान से नही सुना होगा जिसमेंं वह शादी के दौरान आपसे पहले ही दूल्हन का स्वामित्व अन्य लोगों को सौंप देता है। वैदिक परंपरा के अनुसार स्त्री अपनी इच्छा से चार लोगों को पति बना सकती है। इस नियम को बनाए रखने के लिए स्त्री को पतिव्रत की मर्यादा में रहते हुए विवाह के समय ही स्त्री का सांकेतिक विवाह तीन देवताओं से करा दिया जाता है। तो इस वजह से दूल्हे के तौर पर आपका नंबर चौथा होता है।

सबसे पहले कन्या का अध‌िकार चन्द्रमा को सौंपा जाता है, इसके बाद व‌िश्वावसु नाम के गंधर्व को, इसके बाद अग्न‌ि को और अंत में उसके पत‌ि को।