केंद्र सरकार एलपीजी गैस सिलेंडर पर सब्सिडी पूरी तरह खत्म करने की तैयारी कर रही है। सभी उपभोक्ताओं को बाजार दाम पर सिलेंडर खरीदना होगा। सरकार का लक्ष्य अगले साल मार्च तक गैस सब्सिडी को पूरी तरह खत्म करने का है। इसलिए, सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को हर माह सब्सिडी गैस सिलेंडर की कीमत में चार रुपये बढ़ाने के आदेश दिए हैं।

कंपनियों ने एक जून से इस पर अमल भी शुरू कर दिया है।

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया कि सरकार ने 30 मई को तेल कंपनियों को हर माह चार रुपये प्रति सिलेंडर इजाफा करने के निर्देश दिए हैं। ताकि, वित्त वर्ष के अंत (31 मार्च 2018) तक गैस सिलेंडर पर सब्सिडी पूरी तरह खत्म की जा सके। इससे पहले सरकार ने 1 जुलाई 2016 से गैस सिलेंडर की कीमत में हर माह दो रुपये की वृद्धि करने का फैसला किया था। अब तक करीब दस बार यह वृद्धि हुई है।

रसोई गैस क्षेत्र से जुड़े जानकार मानते हैं कि अभी सब्सिडी और गैर सब्सिडी सिलेंडर की कीमत में 87 रुपये प्रति सिलेंडर का फर्क है। ऐसे में चार रुपए प्रति माह बढ़ाने से सब्सिडी पूरी तरह खत्म नहीं होगी। लिहाजा, केंद्र सरकार अगले कुछ माह में इस राशि को बढ़ा सकती है। इसके साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमतों में भी कमी होने की संभावना है। इससे सब्सिडी और गैर सब्सिडी गैस सिलेंडर की कीमतों में अंतर और कम हो जाएगा।

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गणित
– 477.46 रुपये में सब्सिडी के साथ उपभोक्ताओं को फिलहाल सिलेंडर मुहैया कराई जा रही।
– 419.18 रुपये कीमत थी एक सिलेंडर की पिछले साल 1 जून को, अबतक बढ़ चुके 58 रुपये।
– 564 रुपये कीमत है, घरेलू इस्तेमाल में आने वाले 14.2 किलोग्राम के एक सिलेंडर की।
– 12 सिलेंडर साल भर में एक उपभोक्ता सब्सिडी वाले सिलेंडर ले सकता है, बाकी बाजार भाव पर उपब्लध।
– 18.11 करोड़ एलपीजी कनेक्शन हैं देश में, उज्जवला योजना के तहत बांटे गए 2.5 करोड़ कनेक्श भी शामिल