भागलपुर। राजेन्द्र नगर टर्मिनल से चलकर बांका आ रही 13242 डाउन बांका इंटरसिटी एक्सप्रेस शुक्रवार की सुबह 2.50 बजे बेपटरी होने से बाल-बाल बच गई। तेज आवाज और झटके के साथ ट्रेन दो किमी तक दौड़ती रही। झटका और आवाज सुनकर सो रहे यात्री बर्थ से कूदने लगे। इस बीच थ्री एसी कोच के यात्रियों ने वैक्यूम कर ट्रेन को रोक दिया। इसके बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली। करीब 45 मिनट के बाद परिचालन सामान्य हुआ।

दरअसल, इंटरसिटी एक्सप्रेस कजरा स्टेशन से 2.42 बजे खुली। कजरा से सीधा ठहराव अभयरपुर स्टेशन है। इस कारण ट्रेन करीब 80 से 90 किमी की रफ्तार में थी। कजरा से खुलते ही आठ मिनट बाद एसी कोच में अचानक तेज आवाज होने लगी। ट्रैक के पत्थर कोच और शीशे से टकराने लगे। बोगियां झटका देने लगी। इधर, यात्री अपने सीट पर सोए हुए थे। किसी अनहोनी की आशंका से यात्री सहम गए और अपर और मिडिल बर्थ से कूदने लगे।

ट्रेन रुकते ही यात्री नीचे उतरने लगे। आवाज का सिलसिला करीब आठ मिनट तक चलता रहा। इस बीच वैक्यूम कर ट्रेन को रोक दिया गया। अचानक ट्रेन के रुकने से एसी कोच में धुआं भर आया। ट्रेन के गार्ड, चालक और जवान ट्रेन रुकने की जानकारी लेने पहुंचे। जहां देखा कि एक जानवर कटकर एसी कोच के बैटरी बॉक्स के पास फंसा है।

गार्ड ने बताया कि जानवर का शव फंसे रहने के कारण उसके अवशेष के टकराने से गिट्टी पटरी पर आ रहा था। और गिट्टी बोगियों से टकराने लगे। कई वायर भी इससे क्षतिग्रस्त हो गए, पानी सप्लाई पाइप भी टूट गया। ट्रेन नहीं रोकी जाती तो पहिया पटरी से उतर सकती थी। इसके बाद किसी तरह ट्रेन को अभयपुर स्टेशन लाया गया। जहां ट्रेन को आगे-पीछे कर शव को हटाने की कोशिश की गई। फिर ट्रेन के आगे के लिए रवाना किया गया।