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बिजली के संकट से जूझ रहे दुनियाभर के लोगों को देखते हुए शोधकर्ताओं ने आलू से LED बल्ब जलाने का आविष्कार किया है। येरुशलम की हिब्रू यूनिवर्सिटी के राबिनोविच का दावा है कि एक आलू से 40 दिनों तक LED बल्ब को जलाया जा सकता है।

शोधकर्ता राबिनोविच और उनके सहयोगी पिछले कुछ सालों से लोगों को यही करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। यह सस्ती धातु की प्लेट्स, तारों और एलईडी बल्ब को जोड़कर किया जाता है और उनका दावा है कि ये तकनीक दुनियाभर के छोटे कस्बों और गांवों को रोशन कर देगी।

हालांकि, उन्होंने इसके लिए कोई नया सिद्धांत नहीं दिया है। आपको बता दें कि यह सिद्धांत हाईस्कूल की किताबों में पढ़ाया जाता है और बैटरी इसी पर काम करती है। इसके लिए जरूरत होती है 2 धातुओं की। पहला एनोड, जो नेगेटिव इलेक्ट्रोड है। जैसे कि जिंक। दूसरा है कैथोड, जो पॉजिटिव इलेक्ट्रोड है। जैसे कॉपर यानी तांबा।

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आलू के भीतर मौजूद ऐसिड जिंक और तांबे के साथ रासायनिक क्रिया करता है और जब इलेक्ट्रॉन एक पदार्थ से दूसरे पदार्थ की तरफ जाते हैं तो ऊर्जा पैदा होती है। दुनिया में 120 करोड़ लोग बिजली से वंचित हैं और एक आलू उनका घर रोशन कर सकता है।