नासा के वैज्ञानिक डा. रितेश कुमार मिश्रा ने कहा कि 1934 में आए भूकंप में हजारों लोगों की मौत हो गई थी। विज्ञान इस बात का साक्षी है कि प्रत्येक 100 वर्षों के अंदर फिर से भूकंप की त्रासदी संभावित है, जो गंभीर खतरा बनकर भागलपुर व आस-पास के क्षेत्रों पर मंडरा रहा है। आशंका है कि इन क्षेत्रों में 2024 में बड़े खतरे की शुरुआत हो। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष यूरेिशयन प्लेट लगभग पांच सेंटी मीटर नीचे की ओर खिसकता जा रहा है, जिससे पृथ्वी के अंदर भारी दबाव बढ़ रहा है।

जैसे ही यह दबाव सहने की क्षमता कम होगी वे टूट जाएगा और भयानक कंपन उत्पन्न होगा और त्रासदी आएगी। उन्होंने कहा कि बिहार का बड़ा भू-भाग गंगा नदी के किनारे बसा है और जब यूरेिशयन प्लेट टूटेगा तो भागलपुर भी प्रभावित होगा। इसका साक्षात उदाहरण 1934 में तबाह हुआ गंगा नदी के किनारे बसा शहर मुंगेर है। जब प्लेट टूटेगा तो गंगा और कोसी की धाराएं जल प्रलय फैला सकती है। वह रविवार को कैंप बिहार की ओर से आयोजित खाटू श्याम मंदिर मंदरोजा में “आने वाले समय में संभावित त्रासदी व इससे बचाव’ के उपाय पर आयोजित परिचर्चा में बतौर मुख्यवक्ता संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कैंप बिहार की संयोजक पूर्व डिप्टी मेयर प्रीति शेखर ने की।

पांच सेंटीमीटर नीचे की ओर खिसकता जा रहा है यूरेिशयन प्लेट

कैंप बिहार की ओर से आयोजित ‘आने वाले समय में संभावित त्रासदी व बचाव’ के उपाय पर हुई चर्चा

कैंप बिहार की परिचर्चा को संबोधित करते मुख्य वक्ता नासा के वैज्ञानिक डाॅ. रितेश कुमार मिश्रा व मंच पर उपस्थित मृणाल शेखर व कार्यक्रम में मौजूद लोग।

वैज्ञानिक ने लोगों से की अपील, कहा ज्यादा ऊंचे तल्ले का मकान न बनाएं

इस कार्यक्रम में नासा वैज्ञानिक ने अपील करते हुए लोगों से कहा कि आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए ज्यादा ऊंचे तल्ले का मकान न बनाएं। वायु में सूक्ष्म धूलकण पीएम 2.5 की मात्रा मानव जीवन का स्वास्थ्य हानिकारक स्थिति तक पहुंच गई है। इसके कारण स्वास्थ्य संबंधी, प्रजनन संबंधी, शिशु रोग व त्वचा रोग संबंधी बीमारियां आमलोगों को अपना शिकार बनाने लगी हैं।

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तापमान नियंत्रण करने के लिए सरकार प्रभावी कदम उठाए और आमलोग उससे जागरूक हों। इस अवसर पर जैन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हंसराज बैताला, कैंप बिहार के अध्यक्ष डा. मृणाल शेखर आदि ने भी अपना विचार रखा। कार्यक्रम में लालू शर्मा, पदम जैन, संतोष अग्रवाल, हरिवंश मणि सिंह, नभय चौधरी, चंदा चौधरी, सुनीता सर्राफ, नीतीन भुवानियां, जिया गोस्वामी, श्वेता सिंह, जॉनी संथालिया, तरुण घोष, आशीष सर्राफ, बबीता सिंह, सोनू घोष आदि मौजूद थे।