महापर्व छठ संपन्न हो गया है। अब कार्तिक शुक्ल नवमी 13 नवंबर शनिवार को अक्षय नवमी या आंवला नवमी का पर्व मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस पर्व पर पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन करने से मनचाही इच्छा पूरी होती है। इस दिन किए जाने वाले दान का पुण्य कभी क्षय नहीं होता है। इसके बाद 15 नवंबर से शादी-विवाह का लगन शुरू हो रहा है। 15 नवंबर से 13 दिसंबर तक शादी-विवाह के 12 शुभ मुहूर्त हैं। नवंबर में 15, 16, 20, 21, 28 और 30 को सर्वश्रेष्ठ लगन है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 15 नवंबर को देवोत्थान एकादशी है। इसके बाद स्वाभाविक रूप से विवाह का लगन शुरू हो जाएगा।

भगवान विष्णु का हाेता है अांवला में वास

ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज कुमार मिश्र के अनुसार इस दिन दान, व्रत व भगवान विष्णु के स्वरूप आंवला के वृक्ष की पूजा की जाती है। आंवला के पेड़ में कई औषधीय गुण विद्यमान हैं। आंवला को आयु और आरोग्य वर्धक भी माना जाता है। अक्षय नवमी से कार्तिक पूर्णिमा तक भगवान विष्णु आंवला में वास करते हैं। कार्तिक मास में वैसे तो स्नान का अपना ही महत्व होता है, लेकिन इस दिन गंगा स्नान करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। मान्यता के अनुसार त्रेता युग का आरंभ इसी दिन हुआ था।


सूर्य के दोष से मिलेगी मुक्ति

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पंडित मिश्र के अनुसार विष्णु पुराण में आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु और शिव का वास बताया गया है। जिनकी कुंडली में सूर्य ग्रह पीड़ित है अथवा सूर्य कमजोर या सूर्य शत्रु राशि में रहता है उन जातकों को आंवले के पेड़ के नीचे 10 दिन तक भगवान विष्णु को दीपक जलाना चाहिए। इससे दोषों से मुक्ति मिलती है। अक्षय नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने का नियम है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आंवले का वृक्ष भगवान विष्णु को अतिप्रिय है, क्योंकि इसमें लक्ष्मी का वास होता है। इस दिन व्रत करने से शादीशुदा औरतों की सभी मनोकामना पूरी होती है।

विवाह के शुभ लगन

{नवंबर : 15, 16, 20, 21, 28 व 30
{दिसंबर : 1, 2, 6, 7, 11 व 13
{जनवरी : 14, 20, 27 व 28
{फरवरी : 6, 11, 18, 21, 25 व 27
{ मार्च : 4 व 8
{अप्रैल : 14, 17, 21 व 22
{मई : 11, 12, 18, 20 व 25
{ जून : 10, 12 व 15
{ जुलाई : 3, 6, 8, 10, 11 व 14