बिहार प्रारंभिक शिक्षक (प्रशिक्षित) पात्रता परीक्षा-2017 का प्रमाणपत्र अभ्यर्थियों को अप्रैल के अंतिम सप्ताह में उपलब्ध करा दिया जाएगा। इसकी प्रक्रिया अंतिम चरण में है। बोर्ड सूत्रों के अनुसार प्रमाणपत्र देने से पहले संबंधित अभ्यर्थियों की बायोमीट्रिक अटेंडेंस की जांच की जाएगी। जिस अभ्यर्थी की हाजिरी मैच नहीं करेगी, उन्हें प्रमाणपत्र से वंचित भी होना पड़ सकता है।

कई सेंटरों पर परीक्षा के दौरान बायोमीट्रिक हाजिरी संभव नहीं हो सकी थी। ऐसे अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्र देने से पहले हस्ताक्षर का नमूना देना होगा। सेंटर पर किए गए हस्ताक्षर से नमूने का मिलान किया जाएगा। इसके बाद ही संबंधित अभ्यर्थी को प्रमाणपत्र मिलेगा। बोर्ड प्रबंधन का कहना है कि परीक्षा प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरतने के लिए उक्त कार्रवाई की जाएगी।

पेपर वन में 8,875 तथा टू में 36,645 अभ्यर्थी उत्तीर्ण

पात्रता परीक्षा-2017 का संशोधित रिजल्ट छह मार्च को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने जारी किया था। इसमें पिछले रिजल्ट में फेल 8,349 अभ्यर्थी उत्तीर्ण घोषित किए गए थे। संशोधित रिजल्ट के बाद पेपर वन की परीक्षा में शामिल 43,783 अभ्यर्थियों में 8,875 तथा पेपर टू में 1,68,743 में 36,645 उत्तीर्ण घोषित किए गए हैं। उत्तीर्णता के लिए सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए कम से कम 60 फीसद, बीसी, ईबीसी, महिला के लिए 55 तथा एससी, एसटी, दिव्यांग के लिए 50 फीसद अंक निर्धारित किए गए थे।

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गुम नहीं होगा टीईटी का प्रमाणपत्र

केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए ऑनलाइन सर्टिफिकेट संग्रह (नेशनल एकेडमिक डिपोजिटरी) से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति जुड़ गया है। समिति द्वारा इस साल से जारी सभी डिग्री, सर्टिफिकेट और मार्कशीट ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। टीईटी के प्रमाणपत्र और अंकपत्रों का वेरिफिकेशन भी अब ऑनलाइन ही संभव हो जाएगा।

प्रमाणपत्र खोने या चोरी होने की संभावना भी खत्म हो जाएगी। इसके साथ-साथ इससे गलत तरीकों से अलग-अलग पहचान बना कर फर्जी डिग्री हासिल कर प्रयोग करने वालों की पहचान भी सहज हो जाएगी। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि मंगलवार तक टीईटी के प्रमाणपत्र सहित अन्य मसलों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा