बिहपुर /नबगछिया : इस्लाम के पॉच स्तंभ नमाज, रोजा, जकात, तौहीद, और हज हैं! इनमे से चार तो आसानी से पुरे कर लिये जा सकते हैं लेकिन हज के लिए अल्लाह ताला के दरवार मे वही पहुंचता है जिसके मुकद्दर मे अल्लाह ने मदीना आना लिखा है !

उपरोक्त उदगार बिहपुर के खानका – ए -आलिया फरिदिया मोहबबतिया के गद्दीनशी हजरत अली कौनैन खॉ फरीदी एवं नायव गद्दीनशी हजरत मौलाना अली शब्बर खॉ फरीदी ने हज करने मदिना जा रहे हज याञियो को अपनी शुभकामनाएं देते हुये कही! श्री फरीदी ने कहा कि मोमिन चाहे गरीब हो या अमीर सभी की चाहत होती है कि किसी भी तरह मदीना बाले की दरबार में पहुँचें !लेकिन जब तक उन्हें मदिने बाले का बुलावा नही आता, तबतक कोई नही जा सकता !जो हज करने जा रहे हैं वे खुशनशीव है कि अल्लाह ने उसपर रहमत की इनायत अता की !

श्री फरीदी ने हज के बाबत बताया कि यह छ: चरणों में पुरा होता है! पहला मक्का मे उतरते ही हज के अरकान शुरू हो जाते हैं दुसरा मक्का स्थित काबा में जाकर सात उमरा (परिक्रमा ) की जाती हैं तीसरा काबा से 6-7 किलोमीटर दूर मीना की याञा चौथा हाजी अराफत के मैदान की ओर बढते है जहां वे शैतान को कंकड़ मारते है व पॉचवा हज के अंतिम दिन ईद उजजुहा( बकरीद) का होता है यहॉ हाजी कुरबानी करता है! छटा हाजी 500 किलोमीटर की यात्रा तय करके मदीना वाले की दर पर पहुंचता है !