बिहार के 31 जिलों में बुधवार को 230 कोरोना संक्रमितों की पहचान की गई। इनमें सबसे ज्यादा 86 मरीज खगड़िया जिले से मिले। यह राज्य में एक दिन में किसी जिले से मिलने वाले सबसे ज्यादा कोरोना मरीजों की संख्या है। दो संक्रमितों की मौत भी हो गई। राज्य में अब कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 4326 हो गई है जबकि अब तक 26 मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार बुधवार को खगड़िया से 86, सीतामढ़ी से 14, समस्तीपुर से 13, दरभंगा से 11, भागलपुर से 10, कैमूर से 9, सारण, पश्चिमी चंपारण से 7-7, सहरसा, मुजफ्फरपुर, कटिहार से 6-6, लखीसराय, गया से 5-5, शिवहर, बक्सर, अररिया, नवादा, पूर्वी चंपारण, भोजपुर से 4-4, जहानाबाद, अरवल, शेखपुरा से 3-3, रोहतास, पटना, मधेपुरा, बेगूसराय, सीवान, गोपालगंजसे 2-2 और जमुई, किशनगंज से एक-एक संक्रमित की पहचान की गई।

84 हजार 729 सैंपलों की हुई जांच: राज्य में अब तक 84 हजार 729 सैंपलों की जांच की जा चुकी है। वर्तमान में 20 जांच केंद्रों में प्रतिदिन औसतन तीन हजार सैंपलों की जांच की जा रही है। इसे अगले सप्ताह तक बढ़कर 5 हजार किए जाने की तैयारी है। विभाग द्वारा 10 हजार कोरोना जांच प्रतिदिन किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बिहार में अब तक 2025 संक्रमित मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।

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राज्य में मक्के की फसल पर फॉल आर्मीवर्म या स्पोडोप्टेरा फ्रूजाईपेर्डा (पिल्लू) का प्रकोप बढ़ गया है। यह कीट पत्ते के साथ गभ्भे को खा जाता है।

इसके प्रबंधन के लिए कृषि विभाग का पौधा संरक्षण संभाग अलर्ट मोड में है। इसका सबसे अधिक असर कोसी प्रमंडल सहित मुजफ्फरपुर, वैशाली, पटना सहित अन्य जिलों में मक्के की फसल पर है। पटना जिले में मनेर, शाहपुर, दानापुर और दियारा इलाके में इस कीट का व्यापक असर दिखा रहा है।

स्पोडोप्टेरा फ्रूजाईपेर्डा की कैसे करें पहचान : अगर मक्के की फसल के पत्ते में जगह-जगह छेद दिखे या मक्के के गभ्भे में होल (छेद) दिखे तो यह स्पोडोप्टेरा फ्रूजाईपेर्डा के प्रकोप की निशानी है। इसके अलावा जगह-जगह कीट का बिष्टि और गंदगी भी दिखता है।