सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को बिहार के नियोजित शिक्षकों को समान काम के लिये समान वेतन के मामले की सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत में होने वाली सुनवाई को अंतिम सुनवाई माना जा रहा है, साथ ही इस मामले में फैसला आने की भी उम्मीद जताई जा रही है। इससे पहले समान काम के लिये समान वेतन के मामले में सुप्रीम कोर्ट में कई सुनवाई हो चुकी है।

इस मामले में केंद्र सरकार एफिडेविट दाखिल कर चुकी है। बिहार सरकार की दलील को केंद्र सरकार ने सही ठहराया है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट में बिहार सरकार ने कहा था कि नियोजित शिक्षकों के परीक्षा में पास होने से ही सैलरी इन्क्रिमेंट होगा और ये बढ़ोत्तरी बीस फीसदी की होगी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि 20 फीसदी बढ़ाने से भी शिक्षकों की सैलरी चपरासी जितनी नहीं हो पायेगी।

कोर्ट ने सरकार से कहा कि एक ऐसी स्कीम लाएं जिससे बिहार ही नहीं, बल्कि समान काम के लिये समान वेतन मांगने वाले अन्य प्रदेश के शिक्षकों का भी भला हो सके। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए केन्द्र सरकार और बिहार सरकार बैठकर बात करें।

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सुप्रीम कोर्ट ने अटार्नी जनरल की दलील पर चार सप्ताह का समय दिया था और कहा कि केन्द्र सरकार चार सप्ताह के भीतर कम्प्रिहैंसिव स्किम बनाये और कोर्ट में हलफनामा दाखिल करे।