पटना : आइआइटी में गरीब बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए पटना में कोचिंग संस्थान सुपर-30 चलाने वाले गणितज्ञ आनंद कुमार पिछले पांच साल से ब्रेन ट्यूमर की बीमारी से जूझ रहे हैं। बीमारी की वजह से उनके दाएं कान से 90 प्रतिशत सुनने की क्षमता कम हो गई है। उनका कहना है कि इच्छा थी कि मेरे जिंदा रहते लोग जान जाएं कि आनंद कुमार कौन हैं? मेरे जीवन संघर्ष पर बनी फिल्म ‘सुपर-30’ शुक्रवार को पूरी दुनिया को यह बता देगी। ऋत्विक रोशन अभिनीत यह फिल्म भारत के साथ 71 देशों में रिलीज हो रही। आनंद ने बताया कि 2014 में ही ब्रेन ट्यूमर पकड़ में आ गया था। उसके बाद पटना के आइजीआइएमएस सहित दिल्ली तक के अस्पतालों में इलाज कराया।

एक डॉक्टर ने तो कुछ साल ही जीने की बात कही थी, लेकिन मैं नहीं हारा। क्योंकि मेरे पास हजारों गरीब बच्चों की दुआ है। बीमारी की जानकारी फिल्म निर्माण से जुड़े सभी लोगों को है। दशरथ मांझी का उदाहरण देते हुए आनंद ने कहा कि आलोचना और तारीफ के दौर में खुदा न खास्ता मुङो कुछ हो जाए, तो जाने के बाद लोगों को क्या बता पाता। मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल में अभी इलाज चल रहा है।

वहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन के लिए तो कहा है पर कुछ खतरे की भी आशंका जताई है। अभी ठीक हूं, पर समय-समय पर जांच कराने मुंबई जाना पड़ता है। हर साल 30 गरीब छात्रों को मुफ्त आइआइटी की तैयारी कराने के लिए कोचिंग चलाने वाले आनंद का हौसला गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने भी बढ़ाया।

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आनंद ने बताया कि उनकी बायोपिक सुपर-30 फिल्म के प्रमोशन के लिए मेरे गुजरात में होने की सूचना पर वहां के मुख्यमंत्री ने मुङो सीएम हाउस बुलाकर बधाई दी। विजय रूपानी ने कहा कि वे 12 जुलाई को सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले गरीब बच्चों के साथ फिल्म देखने जाएंगे।