रहने के लिहाज से महाराष्ट्र का पुणे देश का सबसे बेहतर शहर है। उसके बाद महाराष्ट्र के ही नवी मुंबई और ग्रेटर मुंबई हैं। इस मामले में देश की राजधानी नई दिल्ली टॉप-50 में भी जगह नहीं बना पाई। दिल्ली का रैंक 65वां है। ईज ऑफ लिविंग यानी जीवन की सुगमता के आधार पर केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने सोमवार को पहली बार देश के 111 बड़े शहरों की रैंकिंग जारी की।

उत्तरप्रदेश का रामपुर शहर इस सूची में सबसे आखिरी में है। मुजफ्फरपुर 63वें, पटना 109वें, बिहारशरीफ 108वें, भागलपुर 107वें स्थान पर है। देश के 116 बड़े शहरों में से कोलकाता ने इस सर्वेक्षण में शामिल होने से इनकार कर दिया था। अन्य प्रमुख शहरों की बात करें तो चेन्नई 14वें, अहमदाबाद 23वें, हैदराबाद 27वें स्थान पर है। उत्तरप्रदेश का कोई भी शहर टॉप-10 में नहीं है।

जीवन की सुगमता के आधार पर केंद्र ने पहली बार जारी की शहरों की रैंकिंग, दिल्ली टॉप 50 में भी नहीं

यहां रहना सबसे सुगम

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रैंक शहर

1. पुणे

2. नवी मुंबई

3. ग्रेटर मुंबई

4. तिरुपति

5. चंडीगढ़

6. ठाणे

7. रायपुर

8. इंदौर

9. विजयवाड़ा

10. भोपाल

यहां रहना नहीं आसान

रैंक शहर

111. रामपुर

110. कोहिमा

109. पटना

108. बिहारशरीफ

107. भागलपुर

106. ईटानगर

105. पासीघाट

104. कवरत्ती

103. सहारनपुर

102. सिलवासा

कैसे हुआ सर्वेक्षण; 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में चार आधार पर 78 बिंदुओं की पड़ताल

सर्वे में आम आदमी का जीवन सुगम और अासान बनाने वाले उपायों और सुविधाओं की पड़ताल की गई। शहर में सुगम जीवन के चार आधार माने गए। यह हैं- गवर्नेंस, सामाजिक ढांचा, आर्थिक स्थिति और फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर। यह चार आधार 15 श्रेणी और 78 बिंदुओं में बांटे गए। 78 बिंदुओं के लिए 100 प्वाइंट था। गवर्नेंस और सामाजिक ढांचे के लिए 25-25, आर्थिक स्थिति के लिए 5 व फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 45 प्वाइंट तय थे। सभी महानगर और 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर सर्वेक्षण में शामिल किए गए।

बनारस 33वें और रायबरेली 49वें रैंक पर: पीएम मोदी का निर्वाचन क्षेत्र बनारस 33वें स्थान पर है। वहीं, सोनिया गांधी के क्षेत्र रायबरेली का रैंक 49 है। अलीगढ़ 86, गुरुग्राम 88, पणजी 90, जम्मू 95, श्रीनगर 100 और मेरठ 101वें स्थान पर है।

हर शहर में 60 हजार नागरिकों का सर्वेक्षण हुआ: केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि हर शहर को 60 हजार से अधिक नागरिकों का एक सर्वेक्षण करना था। इससे शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। उन्हें सुधार का मौका मिलेगा।