भागलपुर । विक्रमशिला सेतु के समानांतर नये फोरलेन पुल निर्माण के लिए पाइलिंग का काम शुरू हो गया है। कार्य एजेंसी एसपी सिंगला ने दोनों साइड पाइलिंग का प्रारंभिक काम शुरू कर दिया है। नवगछिया साइड अभी चार कुआं (वेल) खोदने के दो सरफेस का क्यूब तैयार हो गया है। नदी से सटे एक वेल के लिए क्यूब के सरफेस का प्लास्टर हो गया है। अब इस पर क्यूब की ढलाई होगी, जबकि चौथे पिलर के लिए डायग्राम बिछाया गया है। डायग्राम बिछाने के बाद सरफेस तैयार किया जाएगा। नवगछिया साइड के सभी पिलर के स्पैन की दूरी 80 से 100 मीटर के बीच है। नदी के किनारे का स्पैन 80 से 85 मीटर है। जबकि डीप गंगा में दो पिलर का स्पैन 100 से 110 मीटर में है।

बरारी में भी पिलर का डायग्राम बिछाया गया

बरारी साइड से भी पीरबाबा स्थान के समीप डायग्राम बिछाया गया है। क्यूब में चारों ओर सीमेंट-कंक्रीट की ढलाई से पाट बनाया गया है। पाट को जमीन के अंदर तक करीब 50 मीटर तक गलाया जाएगा। इसी में पाइलिंग किया जाएगा। प्रोजेक्ट इंजीनियरों ने बताया कि दशहरा के बाद पाट गलाई का काम शुरू होगा। अभी पुल का फाइनल ड्राइंग उनलोगों को नहीं मिला है। फिर भी सारा काम चालू है।

2027 में पुल होगा तैयार, तब होगा हैंडओवर

नया फोरलेन पुल वर्तमान विक्रमशिला सेतु के 50 मीटर दूर पूरब में बन रहा है। पूरा ब्रिज 68 पिलरों का होगा। फोरलेन पुल की चौड़ाई 29 मीटर होगी, जबकि लंबाई 4.455 किमी है। एनएच के 8.920वें किमी से 13.375वें किमी के बीच बन रहे इस पुल के निर्माण का कुल लागत 994.31 करोड़ है। इसमें दोनों ओर संपर्क पथ भी शामिल हैं। नवगछिया साइड से 35 मीटर और बरारी साइड से 53 मीटर का एप्रोच रोड रहेगा। जो वर्तमान विक्रमशिला सेतु की ओर जाती सड़क से जुड़ जाएगी। निर्माण एजेंसी मे. एसपी सिंगला को चार साल में यानी 2027 तक निर्माण कार्य पूरा कर सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (मॉर्थ) को हैंडओवर करना है।

मोर्थ ने निर्माण कंपनी के साथ की बैठक

समानांतर पुल निर्माण की कवायद को लेकर शनिवार को बरारी स्थित मॉर्थ के दफ्तर में बैठक हुई। बैठक में मॉर्थ के कार्यपालक अभियंता अभिनव कुमार, सहायक अभियंता सुधीर मौर्य आदि ने कंपनी से प्रोजेक्ट प्रगति की जानकारी ली। इसमें नवगछिया साइड के सीनियर कंस्ट्रक्शन हेड और बरारी साइड के प्रोजेक्ट इंजीनियर मौजूद रहे। बैठक में दोनों साइड में वेल निर्माण को लेकर हुई कवायद की जानकारी दी गई। मैप दिखाया गया। बताया गया कि दशहरा के बाद वेल गलाई का काम शुरू किया जाएगा।

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