विक्रमशिला सेतु पर मरम्मत के 15वें दिन शुक्रवार को पाया संख्या संख्या दो और तीन के भीतर कार्बन प्लेट चिपकाने और दरारों में ग्राउंटिंग भरने का भी कार्य हुआ। कार्बन प्लेट लगाने में दो से तीन दिन का वक्त लगेगा। शुक्रवार को भीतरी भाग में प्लेट चिपकाई गई। शनिवार को बाहरी हिस्से में कार्बन प्लेट लगाया जाना है। प्लेट चिपकाने के बाद कई काम होने हैं। हालांकि दोपहर एक बजे इंजीनियर भोजन करने चले गए।

जो शाम तक नहीं लौटे, मजदूरों ने उनकी गैर मौजूदगी में ही कार्य किया। मजिस्ट्रेट ड्यूटी पर तैनात मत्स्य विभाग के एपीओ अविनाश कुमार भी वहां मौजूद थे। मजदूरों ने बताया कि इंजीनियर की तबीयत ठीक नहीं होने से शायद वो आराम करने चले गए होंगे। उधर, बारिश होने की वजह से अब एक्सपेंशन ज्वाइंट के ढलाई पर हर एक घंटे पानी का छिड़काव करने की जरूरत भी नहीं रही।

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दोनों एक्सपेंशन ज्वाइंट पर कंक्रीट ढलाई के बाद उसका खास ख्याल रखा जा रहा है। ज्वाइंट पर ढलाई सात दिनों तक ठोस हो जाएगी। बता दें, पुल के पाया संख्या दो और तीन के नीचे कार्बन प्लेट चिपकाने और दरारों में ग्राउंटिंग भरने का कार्य अंतिम चरण में है। पाया संख्या दो और पाया संख्या तीन के दो-दो बॉल-बियरिंग निकाल कर बदले जा चुके हैं। सेतु में कुल छह बॉल-बियरिंग है। चार बदले जा चुके हैं।

विक्रमशिला सेतु पर शुक्रवार को भी चला मरम्मत का कार्य और इस बीच आवागमन करते लोग।