पटना | लोग कन्फ्यूज ही नहीं, परेशान हैं। सोशल मीडिया से फॉरवर्ड होकर आ रहे मैसेज लोगों को कोरोना का ऐसा-ऐसा इलाज बता रहे कि जान चली जाए। चीन के नाम पर ऑडियो घूम रहा है, जिसमें लोगों को बताया जा रहा कि गरम पानी पीते रहें, गरारे करते रहें तो चीन की तरह कोरोना को हरा देंगे। जबकि, विशेषज्ञ कहते हैं कि इस चक्कर में रहे और कोरोना होने पर भी इलाज के लिए नहीं गए तो जान चली जाएगी। लोगों को सोशल मीडिया से कितना ‘ज्ञान’ प्राप्त कराया जा रहा है, इसका पता दैनिक भास्कर की इस पहल के बाद सामने आया। लोग अखबार पढ़ भी रहे और इसी पर विश्वास भी कर रहे। पहले दिन ऐसे सवालों वाले 152 मैसेज आए। बहुत सारे सवाल एक जैसे थे। ऐसे में प्रदेश के जाने-माने विशेषज्ञों कोरोना के स्टेट नोडल ऑफिसर डॉ. मदनपाल सिंह, पीएमसीएच के वरीय पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. बी. के. चौधरी और एम्स पटना के मेडिसीन विभागाध्यक्ष डॉ. रवि कीर्ति ने 06 जवाब में इन सभी के सवालों को समाहित किया।

6 जवाब में आज के सारे सवाल, मास्क को लेकर विशेषज्ञों की राय- एन 95 नहीं जरूरी, मगर बाहर निकलें तो मास्क जरूर लगाएं

सवाल : ऑडियो में कोई चीन से बता रहा है कि गरम पानी पीकर चीन में लोगों ने कोरोना को हरा दिया।
जवाब : ऐसा कोई शोध नहीं हुआ है कि इन तरीकों से वायरस को मारा जा सकता है। हां, सामान्य सर्दी-जुकाम में इससे राहत जरूर मिल सकती है। कोरोना के लक्षण दिखे तो इन उपायों के चक्कर में न पड़ें। अपने समेत परिवार-समाज की जान पर बन आएगी।

सवाल : 27 साल पहले कोरोना वायरस को जड़ से खत्म करने वाली दवा के भारत में ढूंढ़ने का दावा किया जा रहा है। दिखाने वाला व्यक्ति कह रहा कि मैं इस दवा से ठीक होकर दिखाऊंगा। क्या है ये?
जवाब : पूरे विश्व में अभी कहीं भी इसकी दवा नहीं मिली है। एंटीबॉडीज़ से प्रयोग हो रहा। यह वायरस हमारे शरीर में कोशिकाओं को हानि पहुंचाता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता ही इससे लड़कर इसे हराती है। फिलहाल किसी दवा की कोई पुष्टि नहीं हुई है। वैक्सीन तक नहीं बना है।

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सवाल : संक्रमित या असंक्रमित व्यक्ति की पहचान का कोई रास्ता बताएं। मैसेज कन्फ्यूज कर रहे हैं।
जवाब : किसी को देखकर यह पक्का नहीं किया जा सकता है कि वह संक्रमित नहीं ही है। सांस में तकलीफ बगैर भी कई केस कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं। अगर आपकी जानकारी में किसी को खांसी-बुखार है तो पता करें कि वह दो हफ्ते में विदेश से तो नहीं आया या कोविड19 के किसी मरीज या संदिग्ध के संपर्क में तो नहीं रहा। बेहतर होगा कि ऐसे मामलों में मरीज को 104 पर संपर्क की सलाह दें।

सवाल : सोशल मीडिया पर कई तरह की दवा के साथ घरेलू इलाज भी बता रहे। कोरोना वायरस से खुद और परिजनों को कैसे सुरक्षित रख सकता हूं?
जवाब : बाहर नहीं निकलें। निकलें तो सूती कपड़े का डबल फोल्ड मास्क या सर्जिकल मास्क पहनें। भीड़ में न रहें। बाहर से आएं तो जूते बाहर ही छोड़ दें। कपड़े को सर्फ के पानी में डाल दें या धूप में 24 घंटे के लिए अनछुआ छोड़ दें। घर में कोई सामान अच्छी तरह से हैंडवाश किए बगैर नहीं छुएं। लिक्विड हैंडवाश या सर्फ का उपयोग करें। घर में वैसे भी दो-तीन घंटे में हाथ धोते रहें। बाहर से कोई सामान लाएं तो उसे 24 घंटे अनछुआ छोड़ दें या सर्फ से धोकर इस्तेमाल में लाएं। मास्क को हर दिन सर्फ में धोकर सुखाएं। प्रतिरोधक क्षमता सुधारने के उपाय करें। छींकते या खांसते समय मुंह-नाक को रूमाल से ढंकें। ऐसे कपड़े या मास्क को सर्फ से धोने के बाद सुखाकर ही इस्तेमाल करें। तौलिया किसी से साझा न करें। परिवार में किसी को सर्दी-जुकाम हो तो बाकी लोग उनसे दूरी बनाए रखें। उन्हें घर में भी मास्क लगाने के लिए प्रोत्साहित करें। नाक या मुंह छुएं तो पहले और बाद हैंडवाश जरूर करें।

सवाल : एक मास्क कितने समय तक लगाए रखा जा सकता है? इतना मास्क मिलना भी मुश्किल है।
जवाब : अबतक लागू प्रावधान के तहत एन95 मास्क मेडिकल वर्कर, कोरोना मरीज या संदिग्ध को लगाना है। मरीजों को हर समय पहनना है। प्रावधान नहीं किया गया है लेकिन परिस्थितियों को देखें तो आम स्वस्थ व्यक्ति को घर से निकलते समय सामान्य मास्क लगाना ही चाहिए। घर में अकेले हैं तो जरूरी नहीं। हां, कोई सर्दी-खांसी से पीड़ित है तो वह घर में भी लगाए। सामान्य सर्जिकल मास्क कुछ घंटे बाद या गीले होने पर बेकार हो जाते हैं। डबल फोल्ड सूती कपड़े से बने मास्क को एक बार लगातार कुछ घंटे इस्तेमाल कर लें तो अगली बार धोने-सुखाने के बाद ही उपयोग में लाएं। मास्क की जगह साफ रूमाल, गमछा, दुपट्‌टा आदि से भी नाक-मुंह को अच्छी तरह ढंक सकते हैं। दैनिक भास्कर पटना संस्करण में 02 अप्रैल को घर में मास्क बनाने की जानकारी दी गई थी।

सवाल : एक आदमी 14 दिन पहले मुंबई से आया था। वह बिल्कुल स्वस्थ है। एक-दो बार उसके संपर्क में आया था। मुझे भी कोरोना हो सकता है क्या?
जवाब : 14-15 दिनों में लक्षण प्रकट नहीं हुए तो इसकी आशंका बहुत कम है। फिर भी सावधानी बरतें। सामाजिक दूरी के साथ। अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता सुधारें।

सोशल मीडिया में बताए जा रहे कोरोना से बचाव के नुस्खे 90% तक फर्जी, हो सकते हैं जानलेवा

सोशल साइट्स के रिसर्च फेलो लगातार एक से बढ़कर एक वीडियो, फोटो, ऑडियो, आर्टिकल, सुझाव…सबकुछ आ रहे हैं। कोई कोरोना को वायरस से अलग कुछ बता रहा तो कोई इसका इलाज ही लेकर आ रहा। सोशल मीडिया में बताए जा रहे कोरोना से बचाव के ऐसे 90 प्रतिशत नुस्खे गलत हैं, फर्जी हैं, आधारहीन हैं। इनके चक्कर में रहे तो जान पर खतरा होगा।

आपके पास कोरोना को लेकर कोई वीडियो, फोटो, ऑडियो, आर्टिकल या सुझाव किसी माध्यम से फॉरवर्ड होकर आया है या इस बीमारी को लेकर कोई सवाल चल रहा है तो उसे भास्कर के पास फॉरवर्ड कर दीजिए। एक्सपर्ट पैनल के डॉक्टर हकीकत बताएंगे।
स्टेट नोडल ऑफिसर