सत्ताइस नक्षत्रों में माघ नक्षत्र के नाम से माघ पूर्णिमा की उत्पत्ति हुई थी। इस तिथि का धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। ब्रह्मवर्त पुराण के अनुसार माघ पूर्णिमा पर स्वयं भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं। इस दिन जो भी श्रद्धालु गंगा स्नान करते हैं। उसके बाद जप और दान करते हैं उन्हें सांसारिक बंधनों से मुक्ति मिलती है। ज्योतिषाचार्य पंडित दयांनद पाण्डेय ने बताया कि पौष मास की पूर्णिमा से आरंभ होकर माघ पूर्णिमा तक होने वाले इस धार्मिक स्नान का सनातन धर्म में खास महत्व है। पूरे साल के पूर्णिमा स्नान में माघ पूर्णिमा स्नान को सबसे उत्तम बताया गया है। उन्होंने बताया कि अगर संपूर्ण मास में स्नान न कर सकें हैं तो माघ स्नान अवश्य करना चाहिए। इससे व्यक्ति पर भगवान श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहती है।

भागलपुर घंटाघर चौक स्थित शीतला मंदिर में होगी प्रतिमा स्थापित

माघी पूर्णिमा पर घंटाघर चौक स्थित शीतला मंदिर में मां शीतला माता की पांचों बहनों सहित अन्य प्रतिमा स्थापित कर भजन-कीर्तन किया जाएगा। आयोजन को लेकर मंदिर का रंग-रोगन कराया जा रहा है। तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस अवसर पर भंडारे का आयोजन किया जाएगा। पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने का अधिक महत्व होने से गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रहेगी।

स्नान के बाद सूर्य को ऊं घृणि सूर्याय नम: मंत्र से दें अर्घ्य

ज्योतिषाचार्य पंडित दयांनद पाण्डेय ने बताया कि 8 फरवरी को दिन में 3:03 बजे से रविवार को दिन में 1:19 बजे तक माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त है। इस मुहूर्त में श्रद्धालु गंगा स्नान कर पुण्य के भागी बन सकते हैं। स्नान के बाद भुवन भास्कर को ऊं घृणि सूर्याय नम: मंत्र से अर्घ्य देना चाहिए। माघ पूर्णिमा व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस दिन स्नान करने से अन्नत फल की प्राप्ति होती है।

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