नाथनगर : प्राचीन मनसा विषहरी मंदिर में श्रवण मास के नागपंचमी के अवसर पर सोमवार को नागराज तक्षक व मां मनसा विषहरी की विशेष पूजा अर्चना की गयी। पूजा को लेकर सुबह से देर रात तक आसपास इलाके के श्रद्धालुओं का भीड़ मंदिर मे उमड़ते रही। पुजारी संतोष झा के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार व विधि विधान से मां मनसा विषहरी व नागराज तक्षक की पूजा व भोग लगाया गया । पुजारी ने बताया कि मां मनसा की सबसे प्रिय नाग तक्षक को मंदिर समिति की ओर से 156 मिट्टी की ढकनी मे दूध,लावा, शक्कर,पंचमेवा का भोग लगाया गया।

पुजारी द्वारा नागराज की विशेष पूजा व भोग शाम 4 से रात्रि 8 बजे तक किया गया। पुजारी ने बताया कि इसके अलावे आसपास के श्रद्धालुओं द्वारा मां मनसा विषहरी को सुबह 5 से शाम 5 बजे तक डलिया चढ़ाने का दौड़ चलता रहा। भक्तों ने करीब 150 से अधिक डलिया मां मनसा को अर्पित किया। श्रद्धालुओं ने डलिया मे पान सुपाड़ी, जनेऊ, खीरा, भुट्टा, केला,अमरूद, पंचमेवा, दूध लावा सहित अन्य फल व मिठाई चढ़ाकर मनोकामनाएं मांगी।

125 वषों के बाद ऐसा संयोग, नागपंचमी और सोमवारी एक ही दिन पुजारी संतोष झा ने बताया कि करीब 125 वषों के बाद श्रवण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथी यानी नागपंचमी के दिन सोमवारी का संयोग बना है। इस सोमवारी नागपंचमी के दिन नागराज तक्षक व मनसा देवी की पूजा का विशेष महत्व है। खासकर वैसे लोग जिनपर सर्पकाल दोष है। वैसे लोग यदि इस सोमवारी नागपंचमी के दिन चांदी या तांबा के नाग व नागिन बनवाकर और संकल्प कराकर मां मनसा विषहरी को समर्पित करेंगे। वे सर्पकाल दोष से मुक्त हो जायेंगे।

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इस अवसर पर मंदिर मे समिति अध्यक्ष संजय लाल, सचिव रामशरण दास,कोषाध्यक्ष अशोक लाल, चन्द्रशेखर, महेश, पिन्टू, गौरीशंकर, संजीत राउत आदि मौजूद थे।