जाको राखे साईंयां मार सके ना कोय वाली कहावतफिर चरितार्थ हुई। हुआ यह कि शहर के कागजी टोला की एक दिव्यांग महिला रविवार सुबह गंगा में नहाने के दौरान पानी की तेज धार में बह गई। लेकिन करीब सात घंटे बाद महिला जीवित बरामद कर ली गई।

मछुआरों की बस्ती कागजी टोला के दिनेश प्रसाद सहनी की दिव्यांग पत्नी 45 वर्षीया ज्योति देवी रविवार को अहले सुबह मुहल्ले से सटे कालीघाट की सीढ़ियों से उतरकर नहाने लगी। अचानक पानी के तेज धार में बह गई। इस बीच कुछ लोगों ने उसे डूबते देख शोर मचाया लेकिन जबतक लोग नौका लेकर निकले तबतक महिला पानी की तेज धार में ओझल हो गई।

मछुआरों ने विभिन्न घाट किनारे रह रहे लोगों तथा मछुआरों को मोबाइल से सूचना दी। करीब सात घंटे बाद महिला छोटी मोहनपुर घाट किनारे लगी तो एक बच्चे ने देख शोर मचाया। घाट किनारे बासा बनाकर रह रहे उसी गांव के कैलाश मंडल ने बेहोशी हालत में महिला को पानी से बाहर निकाला और शरीर उल्टाकर पेट से पानी निकाला तब महिला होश में आई तथा पूछने पर कहलगांव के सहनी टोला अपना घर बताया।

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इस बीच सूचना पर परिजन नौका और वाहन लेकर छोटी मोहनपुर गये तथा महिला को कहलगांव लेकर आए। महिला को जिंदा बचकर घर आने पर सभी हैरत में पड़ गये। महिला को देखने के लिये भीड़ लगी रही।