झारखंड के सिमडेगा जिले से नाबालिग लड़कियों को ले जाकर महानगरों में बेचने के आरोपी रोहित मुनि को बुधवार रात थाना क्षेत्र के त्रिमुहान गांव से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गुरुवार को कहलगांव पहुंची सिमडेगा पुलिस रोहित को ट्रांजिट रिमांड पर ले गई।

उसके खिलाफ मई 2013 में कांड दर्ज कराया गया था। रोहित दस हजार का इनामी था। जबकि उसकी पत्नी उत्तराखंड की प्रभा मुनि को 22 सितंबर को एटीएस ने दिल्ली के वेस्ट पंजाबीबाग स्थित मकान से गिरफ्तार किया था। वह भी 25 हजार की इनामी थी।

रोहित को गिरफ्तार करने गये कहलगांव एसडीपीओ दिलनवाज अहमद को उसकी लड़कियों के विरोध का सामना करना पड़ा। वह पांच साल से फरार चल रहा था तथा उसके खिलाफ जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सिमडेगा के कोर्ट से वारंट निर्गत था। पत्नी की गिरफ्तारी के बाद वह अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिये दीपावली को ही अपनी दोनों लड़कियों के साथ पैतृक घर छुपने के लिये पहुंचा था।

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एनजीओ की आड़ में लड़कियों को प्लेसमेंट के नाम पर बेच देता था
रोहित के खिलाफ झारखंड के सिमडेगा जिला के जलडेगा थाना क्षेत्र के कोलोमडेगा गांव की एक महिला ने छह मई 2013 को 14 साल की नतनी समेत दो अन्य नाबालिग लड़कियों को बहलाकर दिल्ली ले जाने और बेच देने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था। तीनों लड़कियों को दिल्ली स्थित एनजीओ न्याय मंच के सहयोग से मुक्त कराया था। आरोप है कि प्रभा मुनि और उसके दूसरे पति रोहित मुनि झारखंड के संथालपरगना एवं छोटानागपुर क्षेत्र से कई वर्षों से एनजीओ की आड़ में लड़कियों को प्लेसमेंट के नाम पर बहलाकर ले जाता था तथा महानगरों में बेच देता था।

इस संदर्भ में एसडीपीओ दिलनवाज अहमद ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि झारखंड से मानव तस्करी करने का फरार आरोपी कहलगांव के त्रिमुहान में छिपा है। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे सिमडेगा पुलिस ट्रंजिट रिमांड पर ले गई। उसकी पत्नी को भी पूर्व में एटीएस की टीम ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था।