मकर संक्राति पर्व दो दिन होने की वजह से काफी संख्या में लोगों ने मंगलवार को भी गंगा में डुबकी लगाई। इस दौरान गरीबों को तिल, तिलकुट और गुड़ का दान कर पुण्य कमाया। बुधवार को भी लोग मकर संक्राति का पर्व मनाएंगे। मंगलवार की रात 2ः08 बजे भवन भास्कर उत्तरायण हुए और धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश कर गए। इसी वजह से सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने का पर्व मकर संक्रांति का पुण्य काल बुधवार को है। पुण्य काल सुबह 7.21 से शाम 5.55 बजे तक रहेगा। पंडित दयानंद पाण्डेय ने बताया कि मकर संक्रांति पर्व 14 को ही मनाया जाता है। लेकिन इस बार दान-पुण्य 15 जनवरी की सुबह से शुरू होगा।

मंगलवार को मकर संक्रांति की खरीदारी के लिए बाजार में उमड़ी भीड़।

आज दान करने से मिलता है अनंत फल : मकर संक्राति पर्व पर बुधवार को अहले सुबह गंगा तटों पर हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे। पंडित दयानंद पाण्डेय ने बताया कि इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। मकर संक्रांति की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रहती है यही कारण है कि इस बार लोग दो दिन इस त्योहार को मना रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर देवी और देवता स्नान करने आते हैं। उन्होंने बताया कि इस पर्व पर घी और कंबल दान करने का विशेष महत्व है।

बाजारों में देर रात तक हुई खरीदारी मंगलवार को देर रात तक बाजारों में चहल पहल बनी रही। वेरायटी चौक, सुजागंज, स्टेशन चौक, तिलकामांझी, आदमपुर, मिरजान चौक, अलीगंज, नाथनगर सहित विभिन्न चौक-चौराहा और मॉल में लोग मकर संक्रांति की खरीदारी करने पहुंचे। लोहड़ी के लिए जहां बाजार में मकई का लावा, मूंगफली, गुड़ के लड्डू और कई किस्म के गजक की खूब बिक्री हुई। मकर संक्रांति को लेकर बाजारों में रंग-बिरंगी पतंग की भी अच्छी खासी बिक्री रही। गली के अंदर जाने के लिए लोगों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही थी। मंडी शिवनारायणपुर, अमरपुर व मथुरापुर में यूपी के गुड़ बिक रहे है।

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