अब कोरोना पॉजिटिव होम आइसोलेशन में रह सकते हैं. इस आशय का आदेश सरकार के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत ने दिया है. उन्होंने कहा है कि मुख्य सचिव द्वारा विभिन्न जिलाधिकारियों के साथ की गई बैठक में उनके द्वारा यह मांग की गई थी कि चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मियों की तरह आम लोगों को भी होम आइसोलेशन में रहने की सुविधा प्रदान की जाये. उन्होंने किसी कोरोना पॉजिटिव मरीज को होम आइसोलेशन या होम कोरेंटिन में रखने के निर्णय के लिए जिलाधिकारी को प्राधिकृत किया है.

प्रधान सचिव ने कहा है कि संबंधित व्यक्ति को यह सुविधा तभी प्रदान की जायेगी जब उनके घर पर सेल्फ आइसोलेशन एवं अन्य पारिवारिक संपर्क को कोरेंटिन करने की आवश्यक सुविधा उपलब्ध हो. जाहिर हो कोरोना वायरस के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. इस परिस्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं पर भी दबाव पड़ा है और स्वास्थ्य कर्मी अपनी परवाह किये बिना दिन-रात मरीजों की सेवा में जुटे हैं.

प्रधान सचिव द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि होम आइसोलेशन में रहने के दौरान मरीजों को नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य का अनुश्रवण करना होगा. इस दौरान किसी भी प्रकार की समस्या होने पर उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करना होगा. ताकि, उनका समुचित इलाज हो सके. बताया गया है कि होम कोरेंटिन में रह रहे मरीजों को सैंपल एकत्र होने के 14 दिनों तक उन्हें होम आइसोलेशन में रहना होगा. अगर उनमें कोई नये लक्षण नहीं नजर आते हैं तो 14 दिनों के उपरांत उनका होम आइसोलेशन समाप्त हो जायेगा.

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होम आइसोलेशन पॉजिटिव मरीजों को करना होगा इन नियमों का पालन :

होम आइसोलेशन में रहने वाले पॉजिटिव मरीजों को हमेशा ट्रिपल लेयर मास्क का प्रयोग करना होगा. मरीज के लिए अलग कमरा एवं बाथरूम की व्यवस्था रहनी चाहिए. यही नहीं, निर्जलीकरण से बचाव के लिए ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन एवं हाथों की साबुन अथवा सैनिटाइजर से लगातार सफाई करनी होगी. उन्हें निजी इस्तेमाल की वस्तुओं को अलग रखना होगा, नियमित रूप से तापमान की जांच करनी होगी, कमरे की नियमित सफाई करनी होगी तथा चिकित्सकों द्वारा दिये गये सभी निर्देशों का अनुपालन करना होगा.

होम आइसोलेशन के मरीजों को देना होगा अंडरटेकिंग :

होम आइसोलेशन की सुविधा चाहने वाले कोरोना के मरीजों को एक अंडरटेकिंग देना होगा. अंडरटेकिंग में मरीज यह सत्यापित करेगा कि मरीज अपने और अपने परिवारजनों के स्वास्थ्य पर पूरी निगरानी रखेगा और अपने या परिवारजनों के स्वास्थ्य में किसी प्रकार की जटिलता अनुभव करने पर निरीक्षण दल एवं कॉल सेंटर (104) से अविलंब संपर्क स्थापित करेगा. अंडरटेकिंग के मुताबिक मरीज होम आइसोलेशन की अवधि में सभी नियमों का पालन करेगा.