बिहार 38 जिलों वाला वह राज्य है जो देश में अपनी राजनीति के चलते प्रमुखता से जाना जाता है. राजनीति के इतर कला के क्षेत्र से लेकर शिक्षा के क्षेत्र में भी राज्य पीछे नहीं है. ऐसे ही एक कलाकार ने राज्य का मान बढ़ा दिया है. नाम है पलक सिंह चांदनी.

बिहार की पलक सिंह चांदनी ने बॉलीवुड की दुनिया में कदम रख राज्य का मान बढ़ा दिया है. पलक को आकाश योगी की फिल्म ‘शहनाई बजे ना बजे’ में एक्टिंग का मौका मिला है. जहां एक ओर बिहार में कलाकार भोजपुरी फिल्मों, भोजपुरी एल्बम में काम करने के पीछे दीवानी रहते हैं. वहीं पलक ने बॉलीवुड में कदम रख खुद के विश्वास को मजबूत किया है. पलक को दो और फिल्मों के लिए साइन किया जा चुका है.

पलक बिहार की राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी के केवाली गांव की रहने वाली हैं. पलक डॉक्टर परिवार से संबध रखती हैं. पलक के पिता डॉ प्रमोद सिंह और मां डॉ किरण सिन्हा हैं. इनकी पढ़ाई बिहार में ही हुई है, इन्होंने केमिस्ट्री ऑनर्स किया है.

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पलक बताती हैं कि उन्हें बचपन से ही डांस करना मिमिक्री करना और अभिनय का शौक था. माता-पिता मेडिकल प्रोफेशन में भेजना चाहते थे. इसी बीच अपने मित्र व प्रेरणा स्रोत सुमित सिंह के सहयोग से इन्होंने मॉडलिंग और अभिनय के क्षेत्र में पदार्पण किया. इनकी पहली फिल्म है, पिकनिक स्पॉट जिसमें ये लीड हीरोइन का काम कर चुकी हैं.

पलक जल्द ही पायल पंजाबी पॉप एल्बम में भी नजर आने वाली हैं. अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और अपने प्रेरक सुमित सिंह को देने वाली पलक बताती हैं कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वे रुपहले पर्दे पर नजर आएंगी. उन्हें पहला ही ब्रेक हिंदी फिल्म में मिलेगा.

अपनी फिल्म को लेकर वह आजकल काफी मेहनत भी कर रही हैं. वे कहती हैं कि बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं कमी है. बस उचित मार्गदर्शन और प्लेटफार्म ही समय के साथ समाज की सोच बदलता है. संपन्न और अच्छे घरों की लड़कियां भी अपने मुकाम को हासिल करने के लिए आगे आ रही हैं.

वह कहती हैं कि अच्छे और बुरे लोग सभी जगह होते हैं यह आपकी सार्थक सोच पर निर्भर करता है कि आप किसे पसंद करते हैं रील और रियल लाइफ को अलग-अलग परिभाषाओं में परिभाषित करने वाली पलक कहती हैं वह सब कुछ अपने टैलेंट के दम पर हासिल करना चाहते हैं.

डायरी लिखने, डांस करने, मुसीबत में लोगों की मदद करना पलक का शौक है. अभिनेत्री खुद को भीड़ से अलग देखना चाहती हैं पलक कहती हैं कि रुपहले पर्दे पर खूबसूरत व बढिया कद-काठी का होना ही आपकी सफलता की गारंटी नहीं देता आपके अंदर टैलेंट भी होना चाहिए.