बिहार: एक तरफ बीपीएससी से सफल शिक्षकों की बहाली तेज हो गई है, तो दूसरी तरफ स्कूलों से अतिथि शिक्षकों को हटाने का काम भी तेजी से चल रहा है। सिर्फ एक महीने के भीतर सात सौ से अधिक अतिथि शिक्षक हटा दिए गए हैं। हटाये जा रहे अतिथि शिक्षक जिला मुख्यालय से लेकर शिक्षा विभाग तक का चक्कर लगा रहे हैं और रोजगार न छिनने की गुहार लगा रहे हैं।

2018 में पहली बार बहाली: उच्चतर

माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए पहली बार वर्ष 2018 में अतिथि शिक्षकों की बहाली राज्यभर में हुई। बिहार के अलग-अलग स्कूलों में कुल 4257 अतिथि शिक्षक प्रतिदिन एक हजार की दर से अधिकतम 25 हजार मानदेय पर काम करने लगे। प्लस टू स्कूलों के बॉटनी, जूलॉजी, फिजिक्स, कमेस्ट्री, मैथ और इंग्लिश विषयों के लिए अतिथि शिक्षकों का चयन हुआ। पोस्ट ग्रेजुएट और बीएड करनेवाले लोग अतिथि शिक्षक बने। दूसरी तरफ सितंबर 2023 में राज्यभर में करीब 20 हजार अतिथि शिक्षक आउट सोर्सिंग के जरिए रखे गए। इन्हें 250 रुपये प्रति कक्षा के दर से राशि देना तय हुआ। लेकिन बीपीएससी से शिक्षक बहाली शुरू होते ही अतिथि इन जिलों में अतिथि शिक्षक

पटना 342

भागलपुर 512

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गया 421

मुजफ्फरपुर 221

रोहतास 312

भोजपुर 421

किशनगंज 120

पूर्णिया 118

सीवान 203

छपरा 122

शिक्षकों के करियर पर आफत आ गई है। 25 नवंबर से अब तक यानि एक महीने में राज्यभर के कुल 782 अतिथि शिक्षकों को उनके पद से हटा दिया गया है। उच्चतर माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के प्रवक्ता कुमार संजीव कहते हैं कि सबसे अधिक नवादा से 88 शिक्षकों को हटा दिया गया है। वहीं गोपालगंज के 96 में से 86 अतिथि शिक्षकों को हटा दिया गया है। जबकि गया के 421 में से अभी तक 25 शिक्षकों को हटाया गया है।

बताते चलें कि अतिथि शिक्षक के नाम पर बहुत सारे युवाओं ने सरकारी शिक्षक मुखड़ा दिखाकर दहेज के नाम पर लाखों लाखों रुपया लिए थे वही इस खबर की जानकारी जब लड़की के मायके वाले को पता चला कि उनका सरकारी शिक्षक दामाद अब बेरोजगार हो गया है लड़की वालो का रातों की नींद हराम है