बिहार के मुजफ्फर से बांद्रा जा रही अवध एक्सप्रेस से 26 छोटी बच्चियों को गोरखपुर जंक्शन पर उतारा गया. साथ ही दो संदिग्ध लोगों को हिरासत में ले लिया गया. आशंका जतायी जा रही है कि मानव तस्करी के लिए सभी बच्चियों को ले जाया जा रहा था. सभी बच्चियां और आरोपित पश्चिम चंपारण के बेतिया के रहनेवाले बताये जाते हैं. सभी बच्चियों की उम्र 10 से 14 वर्ष के बीच है.

जानकारी के मुताबिक, बिहार के मुजफ्फरपुर से बांद्रा जा रही अवध एक्सप्रेस के कोच संख्या एस-5 में नरकटियागंज के पास 26 छोटी बच्चियों के साथ दो पुरुष सवार हुए. मानव तस्करी किये जाने का संदेह होने पर यात्रियों ने इसकी सूचना ट्विटर के जरिये रेल मंत्रालय, पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक और अन्य अधिकारियों को दी. इसके बाद अधिकारियों द्वारा कंट्रोल रूम को सूचना प्रसारित किये जाने पर रेल प्रशासन हरकत में आया.

सूचना मिलने पर जीआरपी थाना प्रभारी राणा राजेश सिंह और आरपीएफ पोस्ट प्रभारी भास्कर सोनी घेराबंदी करने में जुट गये. उत्तर प्रदेश के कप्तानगंज रेलवे स्टेशन पर सादे कपड़े में आरपीएफ के दो जवान कोच में बैठ गये. ट्रेन के गोरखपुर जंक्शन पर पहुंचते ही जीआरपी और आरपीएफ ने कोच में सवार सभी बच्चियों को नीचे उतार लिया. साथ में मौजूद बिहार के पश्चिम चंपारण स्थित कोकिलाडीह, लौरिया निवासी सफदर (55) और सहमौली पकड़ी निवासी शेख आशा (22)को हिरासत में ले लिया.

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पूछताछ में दोनों ने बताया कि बच्चियों को पढ़ाने के लिए आगरा के एक मदरसे में ले जा रहे थे. मदरसे का नाम, पता पूछने के बाद जीआरपी दोनों के दावे की पुष्टि कर रही है. वहीं, आरपीएफ इन्स्पेक्टर भाष्कर सोनी ने बताया कि बच्चियां 10 से 14 वर्ष के बीच की है. बताया जाता है कि सभी बच्चियां और आरोपित बिहार के पश्चिम चंपारण के रहनेवाले हैं.