बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर बड़ी सूचना सामने आई है. राज्य में मुखिया सरपंच के चुनाव से पहले भावी उम्मीदवारों को आयोग की ओर से राहत मिल सकती है. बताया जा रहा है कि इस बार पंचायत चुनाव में टू चाइल्ड पॉलिसी लागू नहीं होगी. बता दें कि इससे पहले यह कयास लगाया जा रहा था कि बिहार में मुखिया सरपंच पदों के चुनाव के लिए टू चाइल्ड पॉलिसी सरकार लागू कर सकती है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पंचायत विभाग ने टू चाइल्ड पॉलिसी को लेकर खंडन किया है. विभाग ने कहा है कि बिहार में मुखिया और सरपंच के चुनाव से पहले टू चाइल्ड पॉलिसी का नियम लागू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. विभाग ने इसी के साथ कहा है कि आयोग चुनाव पर अंतिम फैसला करेगी. वहीं उम्मीद जताई जा रही है कि बिहार में 9 चरणों में चुनाव हो सकता है.

क्या है टू चाइल्ड पॉलिसी- टू चाइल्ड पॉलिसी के तहत मुखिया और सरपंच पद के लिए वही लोग योग्य होंगे, जिनके पास दो बच्चे हैं. चुनाव की घोषणा ब पहले बिहार में इस तरह की अटकलें जोरों पर थी. हालांकि अब विभाग ने इसको लेकर स्पष्टता जारी कर दिया है.

Whatsapp group Join

होली बाद चुनाव संभव- बता दें कि बिहार में पंचायत चुनाव होली के बाद संभव है. चुनाव आयोग और पंचायतीराज विभाग ने चुनाव से संबधित तैयारी पूरी कर ली है. माना जा रहा है कि फरवरी के अंत तक इसका ऐलान भी किया जा सकता है. बिहार में जून तक ग्राम पंचायत का कार्यकाल बचा हुआ है.

बढ़ सकता है कैंडिडेट का खर्च- इधर, सूत्रों के मुताबिक बिहार में पंचायत चुनाव से पहले आयोग द्वारा खर्च की राशि भी बढ़ाई जा सकती है. त्रिस्तरीय पंचायती राज के प्रतिनिधियों के लिए वर्तमान में चुनाव खर्च की सीमा निर्धारित है. इसके अनुसार अभी वार्ड सदस्यों और पंच पद के प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की सीमा 20 हजार रुपये, पंचायत समिति सदस्य पद के प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की सीमा 30 हजार रुपये, मुखिया व सरपंच पदों के प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की सीमा 40 हजार रुपये है. इसके अलावा जिला पर्षद के सदस्य पद के प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की सीमा एक लाख रुपये निर्धारित है.