बिहपुर के प्राचीन एवं सिद्धपीठ श्रीश्री 108 मां वाम काली महारानी मंदिर में 22 फीट से भी अधिक ऊंची प्रतिमा बनेगी। प्रतिमा निर्माण में कारीगर एक माह से जुटे हैं। छह नवंबर की रात मां वाम काली की पूजा होगी और प्रतिमा विसर्जन सात नवंबर को होगा। इसकी तैयारी को लेकर पूजा महासमिति के लोग जोर-शोर से जुटे हैं।

मंदिर के प्रधान पुजारी हेमंत कुमार शर्मा बताते हैं कि यहां पूजा का इतिहास करीब 250 वर्ष पुराना है। मां की पूजा वैदिक व तंत्रोक्त विधि से होती है। विक्रमपुर के मूर्तिकार हरेराम पासवान द्वारा 22 फीट से भी अधिक ऊंची प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है।

पूजा महासमिति की अध्यक्ष अरूणा देवी व महासमिति के प्रधानमंत्री गौतम कुमार शर्मा ने बताया कि मां की इस चौखट से आज तक कोई फरियादी निराश नहीं हुआ है। यहां माता को चढ़ावे में पान प्रसाद के अलावा पाठा की बलि दी जाती है। 300 से 400 पाठा की बलि दी जाती है। मंदिर और मेले की निगरानी के लिए जगह-जगह सीसी कैमरे लगाए जाते हैं।

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चार और पांच नवंबर को नाटक व सांस्कृतिक कार्यक्रम
पूजा के दो दिनों पूर्व चार नवंबर को श्रीश्री 108 मां वाम कालिका नाट्य कला परिषद नवयुवक संघ बिहपुर के द्वारा वीणा पुस्तकालय के मंच पर ‘एक लोटा पानी’ नाटक और पांच नवंबर की रात सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की जाएगी। इस आयोजन में पूरे इलाके के लोगों का सहयोग होता है।