हम और आप अपने मासूम बच्चों की कितनी देखरेख करते हैं। हमारी हर संभव कोशिश होती है कि मासूम को किसी तरह से कोई दिक्कत न हो। उस मासूम के लिए हर चीज जांच-परखकर चुनते हैं। बच्चों के तेल, साबुन और पाउडर से लेकर कपड़े तक हर चीज का चुनाव करते समय सावधानी बरतते हैं। लेकिन इतनी सावधानी के बावजूद हम अपने बच्चों के लिए कुछ ऐसा चुन लेते हैं जो उन्हें कैंसर जैसी घातक बीमारी के संपर्क में ला सकता है।

अपने मासूम बच्चों की केयर करते हुए हम जॉनसन एंड जॉनसन का तेल, पाउडर आदि उत्पाद का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इसी कंपनी के पाउडर में कुछ ऐसा मिला है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह गर्भाशय कैंसर का कारक होता है। इसके लिए कंपनी पर अमेरिका में 32 हजार करोड़ रुपये का हर्जाना भी लगाया गया है।

बच्चों के लिए उत्पाद बनाने वाली मशहूर कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन को अमेरिका की एक अदालत ने 22 महिलाओं को 470 करोड़ डॉलर (लगभग 32,000 करोड़ रुपये) हर्जाना देने को कहा है। इन महिलाओं ने जॉनसन एंड जॉनसन के टैलकम पाउडर में एसबेस्टस होने और इसके इस्तेमाल से गर्भाशय का कैंसर होने का आरोप लगाया था। इसी मामले में फैसला सुनाते हुए मिसौरी की अदालत ने महिलाओं को हर्जाना देने को कहा है।

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जॉनसन एंड जॉनसन पाउडर के इस्तेमाल से कैंसर होने के मामले में कई बार कंपनी पर जुर्माना लगाया जा चुका है। लेकिन, यह इसके लिए अब तक का सबसे बड़ा आर्थिक दंड है। इस समय कंपनी पर लगभग 9,000 मुकदमे चल रहे हैं। इनमें पाउडर के इस्तेमाल से कैंसर होने और इसमें एसबेस्टस होने के आरोप लगाए गए हैं।

अभियोजन पक्ष के वकील मार्क लैनियर ने अदालत को बताया कि कंपनी इस बात को जानती थी कि उसके टैलकम पाउडर में एसबेस्टस मिला हुआ है। इसके बावजूद उपभोक्ताओं को इसके प्रति आगाह नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि लोगों की जिंदगी को इस तरह से खतरे में नहीं डाला जा सकता है। यह सही नहीं है।

दशकों से हम और आप अपने बच्चों के लिए जॉनसन एंड जॉनसन का बेबी पाउडर इस्तेमाल कर रहे हैं। महिलाएं तो टेलकम पाउडर को अपने जननांगों में भी इस्तेमाल करती हैं, ताकि यह नमी को सोख ले और किसी तरह की बदबू न आए।

पिछले साल अमेरिका में एक शिकायत दर्ज हुई, जिसके अनुसार महिलाएं जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर व शावर टू शावर पाउडर का नियमित तौर पर इस्तेमाल करती हैं। इसे महिलाओं में जेनेटाइल हाइजीन के लिए काफी इस्तेमाल किया जाता है। महिलाओं ने बताया कि बाद में उन्हें गर्भाशय का कैंसर होने का पता चला।

यह बात भी गौर करने वाली है कि जॉनसन एंड जॉनसन को इस बारे में पहले से ही पता है और कंपनी पिछले 40 साल से इस बात को छिपाए हुए है। हालांकि जॉनसन एंड जॉनसन ने इस मामले में चली सुनवाई को एकतरफा बताया है।

कंपनी के शेयरों में गिरावट

लगभग पांच सप्ताह तक चली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपनी ओर से विशेषज्ञ पेश किए। हालांकि अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कंपनी ने कहा कि मामले की सुनवाई सही तरीके से नहीं हुई है और वह फैसले को चुनौती देगी। अदालत का फैसला आने के बाद शेयर बाजार में जॉनसन एंड जॉनसन के शेयर का मूल्य गिर गया