नवगछिया : 150 वर्षों से खगड़ा में कार्तिक पूजा के आयोजन की शुरुआत हुई। कहा जाता है कि खगड़ा अलकापुरी में सतभैया कुमर परिवार के दो किशोर द्वारा मूर्ति बना कर खेल-खेल में ही भगवान कार्तिकेय और श्री गणेश जी की प्रतिमा बनाकर पूजा की गयी और जैसे ही मूर्ति उठाने का प्रयास किया गया तो फिर मूर्ति उठ ही नहीं रही थी। बच्चों की इन तमाम गतिविधि पर परिवार के बुजुर्गों की नजर थी।

जब मूर्ति नहीं उठ रही थी तब सभी जिम्मेदार लोगों द्वारा भगवान की विधिवत पूजन की गई और ये संकल्प लिया गया कि अब यहां प्रतिवर्ष पूजन किया जाएगा। ये सभी खेल जो किया जा रहा था उस दिन कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि थी।

तब से अनवरत प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह की चतुर्दशी की रात्रि को भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा श्री गणेश जी और मां लक्ष्मी और मां सरस्वती के साथ स्थापित की जाती है और विधि पूर्वक पूजा की जाती है।