डीआईजी विकास वैभव शनिवार को स्टीमर से गंगा नदी पार कर नारायणपुर के दुधैला दियारा पहुंचे। इसी दियारा में 12 अक्टूबर को डकैत दिनेश मुनि और उसके गिरोह से मुठभेड़ में पसराहा थानेदार आशीष कुमार सिंह शहीद हो गए थे। जबकि सिपाही दुर्गेश कुमार को गोली लगी थी, जिसमें वह जख्मी हो गया था। डीआईजी के साथ नवगछिया एसपी निधि रानी, सुल्तानगंज, खगड़िया और नवगछिया पुलिस के अफसर भी थे।

सुल्तानगंज घाट से गंगा नदी पार कर डीआईजी पहले विसनपुर दियारा पहुंचे। फिर वहां से पैदल दुधैला दियारा पहुंचे। डीआईजी के नेतृत्व में पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। डीआईजी ने दियारा के ग्रामीणों से बात की। थानेदार के शहीद होने वाली घटना के बारे में जानकारी ली। यह इलाका काफी दुरूह है और यहां तक जाने के लिए सड़क नहीं है। मुठभेड़ मामले की जांच व अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए डीआईजी के नेतृत्व में जोनल आईजी सुशील मानसिंह खोपड़े ने एसआईटी का गठन किया था। इसमें तीन जिलों की पुलिस अधिकारियों को शामिल किया गया है।

पसराहा थानेदार आशीष कुमार सिंह को इसी झोपड़ी के पास बदमाशों ने मारी थी गोली। शनिवार को घटनास्थल का मुआयना करते डीआईजी विकास वैभव व नवगछिया की एसपी।

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दुधैला मुठभेड़ का डीआईजी करेंगे सुपरविजन

एक नवंबर को डीआईजी ने नवगछिया एसपी ऑफिस में एसआईटी के साथ मामले की समीक्षा की थी। डीआईजी ने बताया कि पसराहा थानेदार के शहीद होने के मामले का सुपरविजन उनके स्तर से होना है। इस कारण घटनास्थल का जायजा लेकर ग्रामीणों का बयान लिया गया। सर्च ऑपरेशन में सुल्तानगंज इंस्पेक्टर संजय कुमार सिंह, बिहपुर थाना इंस्पेक्टर समेत कई सीमावर्ती थानेदार, इंस्पेक्टर और डीएसपी शामिल थे।

पुलिस चलाएगी ज्वाइंट ऑपरेशन

डीआईजी ने बताया कि दियारा के क्राइम और क्रिमिनल पर अंकुश लगाने के लिए जल थाने को और प्रभावी बनाया जाएगा। नियमित रूप से ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया जाएगा। आसपास के जिलों से भी पुलिसकर्मियों का सहयोग लिया जाएगा। नवगछिया एसपी से जल थानों के बारे में रिपोर्ट मांगी गई है, ताकि पता चले कि कहां क्या संसाधन की कमी है। कलाय की फसल की बुआई के बाद कुछ दिन बाद कटाई शुरू हो जाएगी। कोल ढाब पर अपराधियों के कब्जे को रोकने के लिए अभी से ही रणनीति बनाने का निर्देश दिया गया है।