नवगछिया : जेएलएनएमसीएच भागलपुर अस्पताल में रेफर घायल युवक रंगरा चौक ओपी क्षेत्र के रंगरा निवासी विलास मंडल के पुत्र पंकज मंडल है। पंकज को गांव के लोगों ने ही सुबह मारपीट कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था। घायल को रंगरा चौक पीएचसी में इलाज के लिए भर्ती करवया गया था। किंतु पीएचसी में कोई भी चिकित्सक मौजूद नहीं था।

आनन-फानन में कंपाउडर द्वारा घायल का इलाज किया गया। जख्मी की गंभीर हालत को देखते हुए भागलपुर अस्पताल रेफर किया गया था। बताया जाता है कि पंकज मंडल का चार माह पूर्व पंचायत समिति संजय यादव खेत में भैस चली गई थी। खेत में भैंस जाने के विवाद को लेकर पूर्व में भी दोनों पक्षों के बीच मारपीट हुई थी। इस संबंध में पंकज मंडल के द्वारा रंगरा ओपी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

पंकज मंडल सुबह शौच गया था। पुरानी दुश्मनी को लेकर पूर्व से घात लगाए आठ नौ की संख्या में आपराधियों ने पंकज मंडल के साथ मारपीट की। जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी होकर वहीं पर अचेत हो गया था।

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तकरीबन आधा घंटा बाद पंकज को होश आया तो घर जाकर परिजन को बताया कि पंचायत समिति सदस्य संजय यादव, फुरखेली यादव, फोटो यादव, गौरव यादव ने चाकू, लाठी, डंडे से मारपीट कर जख्मी कर दिया है। परिजनों ने इलाज के लिए पीएचसी पहुंचाया।

घायल युवक 1 घंटे तक अस्पताल में दर्द से तड़पता रहा

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सा व्यवस्था भगवान भरोसे है। यहां के अधिकांश चिकित्सक अपनी हाजिरी बनाकर चले जाते हैं। सरकारी अस्पताल में गरीब मरीजों को सेवा देने की बजाय प्राइवेट क्लीनिक चलाने में व्यस्त रहते हैं। घटना और दुर्घटना में गंभीर लोग जब इलाज के लिए अस्पताल पहुंचते हैं, तो वहां मौजूद कंपाउंडर या नर्स इलाज की खानापूर्ति कर उसे अनुमंडल या फिर मायागंज अस्पताल रेफर कर देते हैं। इस बात को लेकर स्थानीय लोगों से अस्पताल कर्मियों व चिकित्सकों से झड़पें भी होती रहती हैं।

ताजा बानगी मंगलवार की सुबह करीब 7:30 बजे देखने को मिली। पिटाई से अधमरे युवक के इलाज के लिए इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात डॉक्टर नहीं थे। एक घंटे दर्द से जख्मी तड़पता रहा। इलाज नहीं होते देख रंगरा गांव के दर्जनों आक्रोशित लोगों ने अस्पताल में काफी हो हंगामा किया। तब जाकर 1 घंटे बाद अस्पताल के प्रभारी व इमरजेंसी ड्यूटी में लगाए गए डॉक्टर पिंकेश कुमार अस्पताल पहुंचे। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रंजन कुमार ने कहा कि मरीज का इलाज नहीं हो पाने का मामला काफी गंभीर है। मंगलवार को इमरजेंसी में डॉक्टर पिंकेश कुमार की ड्यूटी लगाई गई थी, जो नहीं थे। स्पष्टीकरण पूछा गया है।

इस पीएचसी के लिए यह कोई नई बात नहीं है। बीते शुक्रवार को भी जब सधुआ गांव की एक महिला गंभीर रूप से घायल अवस्था में अस्पताल पहुंची मरीज के परिजनों को डांट कर भगा दिया। परिजनों ने सीधे स्वास्थ्य सचिव को फोन लगा दिया। स्वास्थ्य सचिव ने सीएस इलाज कराने का निर्देश दिया। तब सीएस प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की क्लास लगाई।