भवानीपुर गांव में वर्चस्व की लड़ाई में 40 साल में 30 से अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं। गांव में कई गिरोह बन चुके हैं। यहां कब किसकी हत्या हो जाए, इसका पता नहीं चलता। हत्या के बाद बदले की भावना से यहां हत्याओं का दौर चलता रहा है। गुरुवार को जमीन विवाद में रिटायर्ड फौजी अजय यादव की हत्या के बाद ग्रामीण गुटीय संघर्ष की आशंका से सहमे हुए हैं।

एक ओर जहां अजय के घर में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। इधर, अजय यादव की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। परिजनों ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। एसपी सुशांत कुमार सरोज ने कहा है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस एसडीपीओ दिलीप कुमार के नेतृत्व में छापेमारी कर रही है। एसपी ने कहा है कि अजय यादव की हत्या जमीन विवाद में हुई है।

लेकिन दोनों में से किसी पक्ष ने इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी थी। वहीं एसडीपीओ दिलीप कुमार और थानाध्यक्ष महताब खान शुक्रवार को अजय यादव के परिजनों से पूछताछ की है। वहीं अजय के परिजनों का कहना है कि आरोपी गोपाल यादव उर्फ गोपी सरदार अवैध धंधे से संपत्ति अर्जित की है। तीन दशक पहले उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। कभी पंजाब में मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालने वाला गोपी मकन्दपुर चौक के समीप ढाबा का मालिक है। परिजनों का आरोप है कि वाहन चालकों की मिलीभगत से वाहनों की पासिंग कराना, टैंकरों से तेल चोरी करवाना उसका मुख्य पेशा है।

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