बिहपुर: पुलिस जिले के झंडापुर पश्चिम पंचायत के वार्ड नंबर आठ के निवासी विमल सिंह की अज्ञात अपराधियों ने हत्या कर दी। वह देवघर में रहते थे और बीच-बीच में अपने पैतृक घर और खेती बारी देखने झंडापुर आते थे। पिछले दिनों वे 18 जुलाई को देवघर से झंडापुर आए थे। इनके मौत का खुलासा 19 जुलाई शुक्रवार को देर रात हुआ। जब घर जाने के बाद विमल सिंह अपने घर से नहीं निकले तो ग्रामीणों ने उनके घर में जाकर ताक झांक किया, तो पता चला कि उनका कमरा अंदर से बंद है और दुर्गंध आ रही है। इसके बाद ग्रामीणों ने दरवाजा तोड़कर अंदर देखा तो सभी पूरे कमरे का नजारा देख कर सन्न रह गये। विमल सिंह पलंग से नीचे गिरे हुए थे।

उनके शरीर पर कई जगहों पर खून के निशान थे और पूरे चेहरे पर जख्म के निशान भी थे। इसके बाद ग्रामीणों ने मामले की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने देर रात आवश्यक छानबीन की फिर सुबह शनिवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम अनुमंडलीय अस्पताल में करवा कर परिजनों को सौंप दिया। पूरे मामले से अवगत होने पर एसपी निधि रानी ने हत्या की प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। हालांकि इस मामले में परिजनों का लिखित बयान आना बांकी है। शनिवार को देर रात झंडापुर ओपी पुलिस परिजनों का बयान आने का इंतजार करती रही। झंडापुर थानाध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि मामले में पुलिस को पोस्टमार्टम रिर्पोट आने का इंतजार है। मामले में अभी तक परिजनों ने आवेदन नहीं दिया है।

19 जुलाई की रात में हुआ मामले का खुलासा, संपत्ति विवाद में हत्या किए जाने की आशंका

एक पड़ोसी ने बतायी पूरी कहानी : झंडापुर बाजार में दुकान चलाने वाले और मृतक के पड़ोस में रहने वाले युवक ने बताया कि 18 जुलाई को विमल सिंह उनके दुकान पर आये और उन्होंने दो टॉफी की खरीददारी की। इसके बाद हाल चाल लिया और वे अपने घर चले गये। 19 जुलाई को गांव के ही नंदन नाम के एक व्यक्ति चंदा लेने के लिए विमल सिंह के घर पहुंचे लेकिन दरवाजा बंद देख कर वे लौट गये। इसके बाद वे एक बार फिर चंदा लेने पहुंचे थे, लेकिन दरवाजा बंद देख कर वे फिर चले गये। इसके बाद विमल सिंह की पत्नी दीपा देवी ने देवघर से पड़ोस के एक बच्चे को फोन किया, तो वह बच्चा खिड़की से देखने गया लेकिन उसे कुछ समझ नहीं आया।

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इसके बाद देवघर से ही मृतक की पत्नी ने कुछ और पड़ोसियों को फोन किया। जब ग्रामीण स्तर से दरवाजा खोला मामला का खुलासा हुआ। इसके बाद परिजन देवघर से झंडापुर के लिए रवाना हुए। मृतक के परिजन 19 जुलाई को देर शाम सात बजे तक झंडापुर पहुंच चुके थे। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गयी। जानकारी मिली है कि मृतक के तीन पुत्र हैं और संबंधियों के अलावा कुछ पड़ोसियों से भी विमल सिंह का पुराना जमीन विवाद चल रहा था। दूसरी तरफ परिजनों ने शनिवार को देर शाम ही मृतक का दाह संस्कार कर दिया है।

किसान के चेहरे, आंख के नीचे काले और शरीर व बिछावन पर भी कई जगहों पर खून के मिलंे निशान

किसान के चेहरे व आंख के नीचे काले निशान हैं और शरीर और बिछावन पर भी कई जगहों पर खून के निशान थे। शव को देखने से लग रहा था कि अधेड़ को पहले प्रताड़ित किया गया होगा फिर मुंह, नाक या गला दबा हत्या की गयी होगी। हत्या कम से कम दो दिन पहले की गयी होगी। आशंका है कि 18 जुलाई की रात को ही किसान की अपराधियों ने हत्या की होगी। किसान के बड़े पुत्र सिद्धार्थ सुमन ने बताया कि 18 जुलाई को पिता झंडापुर आये थे। नवगछिया में जमीन विवाद के एक मामले को देखने वे उसी दिन कोर्ट गये थे। कोर्ट से लौटने के बाद उस रात में सात बजे उनसे बात भी हुई। सिद्धार्थ ने बताया कि सुबह जब उनकी मां फोन करने लगी तो फोन रिसीव नहीं हो रहा था।

इसके बाद जब पास के ही एक लड़के को देखने भेजा तो उसने खिड़की से झांक कर देखा, लेकिन उसे कुछ भी समझ नहीं आयय। इसके बाद शुक्रवार को देर रात ही जब दरवाजा खोला गया तो पता चला कि उनके पिता की हत्या हो गयी है। सिद्धार्थ ने बताया कि देवघर की पांच हजार क्वायर फीट जमीन दे देने के लिए पांच दिन पहले भी मृतक के बहनोई अमर सिंह और बहन सुनीता कुमारी दबाव बना रही थी। वे लोग कह रहे थे कि तीस लाख लाख रुपया लेकर जमीन दे दो। मृतक के पुत्र ने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि अमर सिंह, अशोक सिंह और अन्य ने मिलकर उनके पिता की हत्या कर दी है।