नवगछिया : चीन के बीजिंग से आये रसायनशास्त्री झाउ यांग ने कहा कि नवगछिया के लोगों में विकास की ललक है, तभी तो छोटे से जगह पर रसायनशास्त्र के इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन हो रहा है लेकिन निः संदेह व्यवस्था कमजोर है. संसाधन की कभी है. जबकि प्राकृतिक संसाधन की प्रचुरता है लेकिन मानव के विकास के लिये निर्मित आवश्यक संसाधनों का आभाव है. जिसका नतीजा जाम यातायात जैसी समस्या है.
लोगों में विकास की ललक है, लेकिन संसाधन कमजोर है : झाउ यांग
– नवगछिया बहुत ही अच्छा : जियाक्सशू
– चीन के वैज्ञानिकों को नागवार गुजरा नवगछिया का जाम
वैज्ञानिक ने कहा कि वे जब नवगछिया आ रहे थे तो उन्होंने 20 किलोमीटर की दूरी तय करके सेमिनार स्थल पर आने में तीन घंटे लगे. उन्होंने कहा कि वे भारत दूसरी बार आये हैं दोनों बार उनका यातायात को लेकर बुरा अनुभव रहा. यांग ने कहा कि नवगछिया के लोग बहुत अच्छे हैं, मौसम बढ़ियां है, खास कर यहां का भोजन उन्हें बहुत पसंद आया. यांग को नवगछिया का खस्ता तिलकुट बहुत पसंद आया.
उन्होंने चीन ले जाने के लिये दो किलो तिलकुट भी खरीद लिया है. चीन से ही आये दूसरे वैज्ञानिक जियाक्सशु ने कहा कि उन्होंने नवगछिया के कुछ लोगों से भाषाई दिक्कत होने के बाद भी बात चीत किया. यहां के लोग काफी उदारवादी हैं. वे भारत को सिर्फ भगवान बुद्ध के नाम से जानते थे लेकिन यहां पता चला कि हमारे देश चीन के तरह यहां भी कई तरह की सांस्कृतिक विविधता है. उन्होंने कहा कि नवगछिया का अनुभव अविस्मरणीय रहा. वे फिर यहां आना चाहेंगे. जाम की समस्या पर उन्होंने भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यातायात संबंधी समस्याओं से देश की प्रगति बाधित होती है.