नवगछिया : बिहपुर प्रखंड के जयरामपुर गांव के गुवारीडीह टीले की तलहटी से अविनाश कुमार चौधरी के नेतृत्व में चलाए गए सर्च अभियान में कई प्रकार की पौराणिक दुर्लभ वस्तु और पुरावशेषों को इकट्ठा किया है. पांच पीस मोती और मूंगे का पत्थर और कई तरह के पत्थर और मृद भांड के अवशेष और जीवाश्म मिले हैं. जानकारी मिली है कि ग्रामीण युवाओं ने बुधवार को दिन भर गुवारीडीह के कोसी कछार में सर्च अभियान चलाया है. ग्रामीण अविनाश कुमार उर्फ गंगा ने कहा कि वर्तमान में जो भी अवशेष मिल रहे हैं

वह जमीन की सतह से लगभग 20 फीट नीचे मिल रहा है. वे लोग सिर्फ नदी के कछार में सर्च अभियान चलाते हैं. टीले की वे लोग खुदाई नहीं करते हैं. अगर प्रशासनिक स्तर से खोदाई हो तो उम्मीद है कि कई तरह की हैरतअंगेज पुरावशेष मिल सकते हैं. अविनाश ने बताया कि तीन दिन पहले भी चलाये गए सर्च अभियान में उनलोगों ने कई दुलभ वस्तुओं को प्राप्त किया था, इसमें मिट्टी से बना एक गोरैया था जिसके पीठ पर छेद था. अनुमान है कि यह खिलौना रहा होगा.

इन दिनों गरुड़ों को बहुत भा रहा है गुवारीडीह

भले ही गरुड़ों का प्रवास और सबसे बढ़ियां प्रजनन स्थल स्थल कदवा गांव का आश्रम टोला है लेकिन इन दिनों गरुड़ों को गुवारीडीह बहियार काफी पसंद आ रहा है. सुबह आठ बजते ही करीब सौ की संख्या में बड़े गरुड़ों का झुंड गुवारीडीह कोसी नदी में शिकार करने आता है. गरुड़ों का झुंड शाम पांच बजे के बाद यहां से प्रस्थान कर जाते हूं. अविनाश कुमार ने कहा कि यहां पर गरूर भोजन की तलाश में आते हैं. इलाका करोड़ों के शिकार के लिए काफी उपयुक्त है इसलिए यहां पर आकर गरुड़ मछलियों का शिकार करते हैं.

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अविनाश कुमार चौधरी ने कहा कि इन दिनों कोसी नदी के कोल ढाब में कई प्रवासी पक्षियों की भी आवाजाही हो रही है. बुधवार को सर्च अभियान में अविनाश् कुमार चौधरी, अंकित कुमार चौधरी, सुधांशु कुमार कुक्कू, पैक्स अध्यक्ष विकाश कुमार, साहेब चौधरी, विपिन गर्ग, राजु शाह, पंकज तिवारी, सिट्टू चौधरी, विक्की चौधरी, राजा कुमार चौधरी, शुभम कुमार, सत्यम कुमार शामिल थे.