नवगछिया : कोसी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि से खरीक प्रखंड की लोकमानपुर और बिहपुर की हरियो पंचायत में कटाव और भीषण हो गया है। बुधवार को लोकमानपुर के सिंहकुंड गांव में बीस घर और करीब 550 बीघा जमीन नदी में विलीन हो गई, जिससे दर्जनों किसान परिवार बेघर हो गए। लोकमानपुर जाने वाले मार्ग पर पानी का तेज बहाव होने से आवागमन प्रभावित हो गया है। हरियो के कहारपुर में सुभाष यादव व विलाश यादव का घर और बासा नदी में समा गया।

जबकि दर्जनों घर कटाव के मुहाने पर आ गए हैं। कोसी का रौद्र रूप देख गांव वाले अपने घरों को उजाड़कर ऊंचे स्थानों पर पलायन करने लगे हैं। कहारपुर, गोविंदपुर, बड़ीखाल, आहुति, लोकमानपुर, सिंहकुंड, बालू टोला, भवनपुरा, मैरचा, रतनपुरा समेत कई गांवों टापू में तब्दील हो गए हैं। सिंहकुंड के ग्रामीण राज बहादुर सिंह, रामजीवन सिंह, राजेश कुमार, आदित्य देवी, रानी देवी, काजल कुमारी, लाखो कुमारी, अनिता देवी, पूनम देवी, कहारपुर के दिव्यांशु सिंह, पूण्रेन्दू सिंह, मुरारी सिंह, पंकज सिंह, मेदो पासवान, सनातन सिंह, अभिषेक सिंह आदि ने बताया कि अबतक कई घर-बासा और सैकड़ों एकड़ जमीन नदी में समा चुकी है।

कटाव भय से ग्रामीण गांव से पलायन करने में लगे हैं। ग्रामीणों की मांग है कि गोविंदपुर, कहारपुर, मैरचा, रतनपुरा, विशपुरिया, बगजान व चारेहर रिंगबांध को कटाव से बचाने के लिए कोसी की धारा को हरियो दियारा में मोड़कर दिया जाए। बिहपुर सीओ रतन लाल ने बताया कि इन चारों गांवों के लिए गुरुवार से सरकारी नाव चलने लगेगी।

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कटाव प्रभावित इलाकों में राहत कार्य शुरू करवाने की मांग : खरीक के जिला पार्षद गौरव राय ने जिला पदाधिकारी प्रणव कुमार से कटाव प्रभावित इलाकों में अविलंब राहत कार्य शुरू करवाने की मांग की है। जिला पार्षद ने कहा कि जिनके घर और जमीन कोसी नदी में कट गए, उनको मुआवजा दिया जाए। कई गांवों कोसी के पानी से घिर गए हैं। निचले इलाके में पानी प्रवेश कर गया है, जिससे आम जन जीवन प्रभावित हो गया है। आवागमन की सुविधा नही रहने के कारण लोगों के समक्ष खाने-पीने की परेशानी हो गई है। पशुओं को चारा नहीं मिल रहा। स्वास्थ्य सुविधाएं ठप हो गई हैं।