नेपाल के कोसी बराज से पानी छोड़े जाने के बाद नवगछिया अनुमंडल के कोसी तटवर्ती गांवों में जलप्रलय की संभावना तेज हो गई है। कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि से खरीक और बिहपुर प्रखंड के आधे दर्जन से अधिक गांवों में भीषण कटाव शुरू हो गया है। गांवों के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है। यह देख गांवों से ग्रामीणों का पलायन शुरू हो गया है। अपने-अपने घरों से सामान निकाल कर दर्जनों परिवार सुरक्षित स्थान की तरफ निकल पड़े हैं।

अबतक दो दर्जन घर और सैकड़ों एकड़ जमीन कोसी में विलीन

बिहपुर की हरियो पंचायत के कहारपुर, गोविंदपुर, आहुति व बड़ीखाल और खरीक की लोकमानपुर पंचायत के लोकमानपुर, सिंहकुंड, मैरचा समेत कई गांव कोसी नदी से घिरा है। कहारपुर और सिंहकुंड में अबतक दो दर्जन घर-बासा और सैकड़ों एकड़ उपजाउ जमीन कोसी में विलीन हो चुकी है। जबकि कई घर और एक मध्य विद्यालय कटाव के मुहाने हैं। कोसी का पानी कटाव करते हुए तेजी से आबादी की तरफ बढ़ रहा है। कहारपुर में पानी की तीव्रता इतनी बढ़ गई कटावरोधी कार्य में जुटे मजदूरों ने भयवश काम करने से मना कर दिया है।

जल संसाधन विभाग ने भी पोकलेन मशीन समेत कटावरोधी अन्य सामग्री को यहां से हटा लिया है। गांव को बचाने के लिए ग्रामीणों ने श्रमदान कर कोसी की धारा मोडऩे का भी प्रयास किया था। सिंहकुंड में कटाव के भय से मुकेश सिंह, मुरलीधर सिंह, सुनील सिंह, अशोक कुमार, लक्ष्मण साव, अनिल सिंह, गोपाल सिंह, जवाहर सिंह, ज्योति सिंह, शंभु सिंह, बिजेंद्र सिंह, शंभु राय, दिनेश राय समेत कई लोग गांव छोड़कर जा चुके हैं। जबकि कई लोग घर छोडऩे की तैयारी में हैं

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कटावरोधी कार्य के लिए चक्का जाम करेंगे ग्रामीण

कहारपुर के सनातन सिंह, श्रीकर सिंह, दिव्यांशु कुमार, पूर्णेन्दू सिंह, मुरारी सिंह, पंकज सिंह, मेदो पासवान, अभिषेक सिंह सन्नी, अन्नी सिंह, मुखिया प्रतिनिधि पवन कुमार साह, गोविंदपुर के विजय, महेन्द्र, गुरुदेव आदि ग्रामीणों ने बताया कि कटाव रोकने की दिशा में जल संसाधन विभाग द्वारा ठोस कार्य नहीं किया जा रहा है। जबकि कटाव से हमलोगों की जान सांसत में है। विभाग का इस ओर ध्यान दिलाने के लिए अब बिहपुर प्रखंड कार्यालय का घेराव और एनएच-31 जाम किया जाएगा।

कटाव निरोधी कार्य शुरू नहीं होने से लोकमानपुर, सिंहकुंड, मैरचा के ग्रामीणों में भी भारी आक्रोश है। ग्रामीण राज बहादुर सिंह, रामजीवन सिंह, राजेश कुमार, आदित्य देवी, रानी देवी, काजल कुमारी, लाखो कुमारी, अनिता, पूनम आदि ने कहा कि कई दिनों से पंचायत के विभिन्न हिस्सों में कटाव का तांडव जारी है। लेकिन अबतक तक एक भी जगह कटाव निरोधी कार्य शुरू नहीं हुआ है।

गांव कटने के भय से लोगों की नींद उड़ी है। घर की चौखट पर बैठकर पूरी रात काटनी पड़ रही है। गांव के करीब कटाव में मिट्टी धंसने की आवाज सुन सिहर उठते हैं। लेकिन विभाग के अधिकारी चैन की नींद सो रहे हैं। खरीक उतरी के जिला पार्षद गौरव राय ने जिला प्रशासन से तत्काल कटावरोधी कार्य शुरू कराने की मांग की है।

स्थिति नियंत्रण में, खतरे जैसे कोई बात नहीं

बिहपुर सीओ रतन लाल ने कहा कि यहां स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। दो से ढाई फीट तक जलस्तर बढऩे के बाद भी खतरे जैसी कोई बात नहीं है। फ्लड कंट्रोल नवगछिया के एसडीओ विजय कुमार अलबेला ने बताया कि स्थिति पर नजर रखने के लिए विभाग अधिकारी हरियो से नारायणपुर तक कोसी तटबंध पर कैंप कर रहे हैं। कोसी तटबंध पर खतरे जैसी कोई बात नहीं है। अगर तटबंध में कोई समस्या आती है तो उसे तत्काल दुरुस्त करा दिया जाएगा। जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि कटाव स्थलों का सर्वे करने के लिए अभियंताओं की टीम को भेजा गया है।

बैकठपुर दुधेला पंचायत में 50 घर गंगा कटाव के मुहाने पर

नारायणपुर प्रखंड की बैकठपुर दुधेला पंचायत में पिछले दो दिनों से गंगा का कटाव शुरू हो गया है। पंचायत के वार्ड तीन और चार के पचास घरों पर खतरा मंडराने लगा है। भय से लोगों ने घर तोड़कर हटाना शुरू कर दिया है। लोग अपने परिवार के साथ सुरक्षित ठिकानों पर जाने लगे हैं। ग्रामीण संजय मंडल, सुरेश मंडल, श्रवण मंडल, विलाश मंडल, पचिया देवी, गोरेलाल मंडल, हीरालाल मंडल, शंकर मंडल, धारो मंडल, बेचन मंडल, भैरो मंडल, विन्देश्वरी मंडल, कविता देवी, भोला मंडल, अशोक मंडल, घोघन मंडल, वेदव्यास मंडल ने बताया कि गत वर्ष भी यहां कटाव से भारी तबाही मची थी। इसके बावजूद कभी भी कटावरोधी कार्य नहीं किया गया। अबकी भी कटाव तेज है, जिसे रोका नहीं गया तो पूरी पंचायत कोसी में विलीन हो जाएगी। मुखिया अरविंद मंडल ने कहा कि कटाव के भय से लोग अपने-अपने घरों को तोड़कर सभी सामग्री लेकर सुरक्षित जगह पर जा रहे हैं